रामकुमार नायक, रायपुरः- इंसान की जिंदगी में कई बार कुछ पल ऐसे आते हैं, जब वो टूट जाता है. इसके बाद उन्हें जिंदगी जीने का कोई मकसद नजर नहीं आता. हमारे समाज में ही कुछ लोग ऐसे हैं, जो चुनौतियों को अवसर में बदलना जानते हैं. विपरीत परिस्थितियों में भी कुछ ऐसा करके दिखा देते हैं कि औरों के लिए वो प्रेरणा का स्त्रोत बन जाते हैं. ऐसे ही एक शख्स रोहिणी साहू हैं, जिन्होंने विकलांगता को कभी अभिशाप नहीं समझा, बल्कि मेहनत और सच्ची लगन से पैरालंपिक फेंसिंग गेम में सफलता हासिल की है. हाल ही में उन्हें खेल अलंकरण शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार 2020 – 21 से नवाजा गया है.
4 साल तक किया उत्कृष्ण प्रदर्शन
चार साल से उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रोहिणी साहू को पुरस्कार मिला है. उनका कहना है विकलांगता एक अभिशाप नहीं है. इसका इस्तेमाल हम कहां और कैसे करते हैं, ये हमारे ऊपर निर्भर करता है. अगर हम अपने विकलांगता को कमजोरी न बनाकर उसे ताकत बनाएं और आगे लक्ष्य की ओर बढ़े, तो हमें जरूर सफलता मिलती है. इसलिए रोहिणी ने इस खेल को सफलता के लिए चुना, जहां डीआर साहू सर का सहयोग मिला. रोहिणी ने सफलता का श्रेय परिवारवालों के अलावा डीआर साहू सर को दिया है. रोहिणी को परिवार का भरपूर सपोर्ट मिला है.
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सर्वश्रेष्ठ अवार्ड शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार
रोहिणी वर्ष 2014 से गेम खेल रही हैं. पहला मुकाबला छत्तीसगढ़ में हुआ था, तब रोहिणी सिल्वर मेडल जीतने में सफल हुई थी. उसके बाद हरियाणा, चेन्नई, ओड़िशा, मणिपुर में गोल्ड मेडल जीता. हाल ही में सर्वश्रेष्ठ अवार्ड शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार मिला है. रोहिणी साहू ने कहा कि उन्हें नौकरी की बहुत ज्यादा जरूरत है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में खेल में जितना मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाता है. अगर नौकरी मिल जाएगी, तो काम करके गेम खेल सकती हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण बेहतर तरीके से कर सकती हैं. मिडिल क्लास परिवार होने की वजह से वर्तमान में नौकरी की बेहद जरूरत है. जल्दी उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित कर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से नौकरी के लिए अपील किया है.
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FIRST PUBLISHED : March 17, 2024, 11:48 IST