आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. आज हम आपको एक ऐसे दिलेर किशोर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी उम्र महज 15 वर्ष है. 13 वर्ष की उम्र में करंट की चपेट में आने से उसने अपने दोनों हाथ गवां दिए. शरीर का अहम हिस्सा खो देने के बाद कुछ समय तक तो उसे परेशानी हुई, लेकिन यह परेशानी भी उसके हौसलों को नहीं तोड़ पाई. आज वह कुछ इस प्रकार से जी रहा है, मानो कुछ बुरा हुआ ही न हो. जी हां, हम बात कर रहे हैं पश्चिम चम्पारण जिले के गौनाहा प्रखंड के सिट्ठी के शाहिद आलम की, जो बड़ा होकर चर्चित फुटबॉलर बनना चाहता है.
खेलने के क्रम में लगा करंट
दरअसल, 24 अप्रैल 2021 कोसिट्ठी गाने निवासी शेख नूर आलम उर्फ मुन्ना मास्टर का 13 वर्षीय बेटा शाहिद आलम रोज की तरह स्कूल से घर वापस आया. इसके बाद वह दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने चला गया. खेलने केक्रम में बॉल छज्जे पर चले गई, जिसे लेने के लिए वह छज्जे पर चढ़ गया. शाहिद जनता था कि पास में ही 11 हजार वोल्ट का तार है.
इसलिए उसने खुद को बचते बचाते बॉल को उठाया, लेकिन लौटने के क्रम में उसका पैर छज्जे से निकले छड़ से सट गया, जिसमें करंट पास कर रहा था. इसकी चपेट में आते ही शाहिद बुरी तरह से झुलस गया और बेहोश होकर नीचे गिर पड़ा. कई अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद शाहिद कोमोतिहारी के डॉक्टर रहमानिया से दिखाया गया. वहां करीब 6 महीने तक इलाज चला. लेकिन इन्फेक्शन फैल जाने की वजह से डॉक्टरों को शाहिद के दोनों हाथों को काटना पड़ा.
हाथ कट गए, हौसला रहा बुलंद
महज 13 वर्ष की उम्र में दोनों हाथ गवां देने के बादशाहिद आम बच्चों की तरह प्रखंड के सुमन शशि पब्लिक स्कूल में पढ़ने जाने लगा. फुटबॉलर बनने का सपना पूरा करने के लिए वह हर दिन शाम को मैदान में फुटबॉल खेलने जाता था. लेकिन अब परिस्थिति कुछ और थी.
शाहिद के पिता और उसकी मां हौसला खो चुके थे. यह देखते हुए बहन आलिया ने उसे हौसला देना शुरू किया. अब एक बार फिर से शाहिद शाम को फुटबॉल खेलने मैदान पर पहुंच जाता है. आगे की पढ़ाई के लिए वह गांव के कन्या माध्यमिक विद्यालय जाता है. दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद वह पानी पीने, मोबाइल चलाने सहित दिनचर्या का पूरा काम खुद से ही बखूबी कर लेता है.
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FIRST PUBLISHED : October 8, 2023, 13:40 IST