जगन्नाथ मंदिर विरासत गलियारा परियोजना के उद्घाटन से पहले ही पुरी पहुंचने लगे हैं श्रद्धालु

मकर संक्रांति के दिन से शुरू हआ ‘महायज्ञ’ मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा जिसका समापन बुधवार दोपहर को गजपति महाराजा दिब्य सिंह देब द्वारा दोपहर डेढ़ से ढाई बजे के बीच ‘पूर्णाहुति’ के साथ होगा. इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस परियोजना को श्रद्धालुओं को समर्पित करेंगे.

12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के अलग-अलग द्वारों पर ब्राह्मण और वैदिक विद्वान अलग-अलग वेद मंत्रों का जाप कर रहे हैं. सिंह द्वार (मुख्य प्रवेश द्वार) पर ऋग्वेद, दक्षिणी द्वार पर यजुर्वेद, पश्चिमी द्वार पर सामवेद और उत्तरी द्वार पर अथर्ववेद का जाप किया जाता है.

इस उद्घाटन कार्यक्रम को देखने और भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में उमड़ रहे हैं. 12वीं सदी के इस मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु सुबह से ही ग्रांड रोड पर कतार में लग गए.

पांचटी (परिवर्तनकारी) पहल और नबीन ओडिशा के अध्यक्ष वी के पांडियन, मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना और प्रभारी पुलिस महानिदेशक अरुण सारंगी ने सोमवार को पुरी का दौरा किया और परिक्रमा परियोजना के उद्घाटन के लिए की गई तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.

पांडियन ने सोमवार शाम को जिला प्रशासन, मंदिर के वरिष्ठ सेवादारों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और 17 जनवरी के आयोजन की सफलता के लिए सभी से सहयोग मांगा. जेना ने कहा कि श्री सेतु (पुल), श्री जगन्नाथ बल्लव पार्किंग, श्री मार्ग (सड़क) और अन्य परियोजनाएं लगभग तैयार हैं. राज्य के बाहर से आमंत्रित अतिथि मंगलवार से पुरी पहुंचने लगेंगे.

उन्होंने कहा कि विभिन्न होटलों और अन्य सुविधा केंद्रों में अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. मुख्य सचिव ने कहा कि उसी दिन मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किये जाने के बाद श्री सेतु को जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के उद्घाटन के लिए पुलिस बल की 80 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 पुलिसकर्मी शामिल हैं) तैनात की जाएंगी. उन्होंने कहा कि लगभग 100 पर्यवेक्षक अधिकारी, 250 उपनिरीक्षक और सहायक उपनिरीक्षक रैंक के अधिकारी भी सुरक्षा ड्यूटी में लगाए जाएंगे.

चार स्तरीय सुरक्षा तैनाती होगी. डीजीपी ने संवाददाताओं से कहा कि यातायात व्यवस्था से लेकर अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा, श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भक्तों के सुचारु दर्शन आदि से संबंधित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं.

उन्होंने कहा कि चार बम निरोधक दस्ते, तीन श्वान दस्ते और तोड़फोड़ निरोधक टीम को तैयार किया गया है ताकि संदिग्ध वस्तुओं की खोजबीन करने के साथ ही क्षेत्र की निगरानी की जा सके.

इस परियोजना के तहत 800 करोड़ रुपये की लागत से जगन्नाथ मंदिर की मेघनाद पचेरी (बाहरी दीवार) के चारों ओर विशाल गलियारों का निर्माण किया गया है और इससे श्रद्धालुओं को 12 वीं शताब्दी के मंदिर के सुव्यवस्थित तरीके से दर्शन करने में मदद मिलेगी. यह तीर्थयात्रियों को सुविधाएं भी प्रदान करेगा और मंदिर तथा भक्तों की सुरक्षा को मजबूत करेगा.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह परियोजना पुरी को विश्व धरोहर शहर के रूप में बदलने के लिए 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली एक बड़ी पहल का एक हिस्सा है.

 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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