जंगल सफारी में 74 जीवों की हुई मौत, वन मंत्री ने भेजा शोकॉज नोटिस

आकाश शुक्ला

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में रायपुर के जंगल सफारी में हुई 1 सांल 74 वन्य प्राणियों की मौत के मामले में जमकर हंगामा हुआ. सदन में कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने मामला उठाया और पूछा जंगल सफरी और नंदनवन में 2023 से 2024 तक कौन कौन से वन्यजीवों की मौत हुई है? किस प्रजाति के वन्य जीवों की किन कारणों से मौतें हुई. वन मंत्री केदार कश्यप ने जवाब में माना कि 2023 से 2024 में अब तक  जंगल सफारी में वन्य प्राणियों की मौत की कुल संख्या 74 है. वन्य जीवों की मौतों के बारे में विशेषज्ञों से जांच भी कराई गई है.

इस दौरान कांग्रेस विधायक शह हरवंश ने 3 साल से निलंबित डॉक्टर की नियुक्ति का मामला भी उठाया. वन मंत्री ने कहा कि जंगल सफारी में पिछले 3 या 4 सालों में वन्य जीवों की मौत का आंकड़ा बढ़ा हुआ है. वहां 34 से ज्यादा कर्मचारी पदस्थ है. चिकित्सक भी पदस्थ है. शेषराज हरवंश ने कहा कि स्वभाविक मौतें सिर्फ 16 है. बाकी की मौतों का कारण डॉक्टरों की लापरवाही है. मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मामले गंभीर है, इसलिए जंगल सफारी के डॉ राकेश वर्मा और दूसरे डॉक्टर को शोकॉज नोटिस भी जारी किया गया है.

सदन में उठा नौकरी में आरक्षण का मुद्दा

विधानसभा में गूंजा खिलाड़ियों के अलंकरण समारोह और नौकरी में आरक्षण का मुद्दा भी उठा. मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि फिर से खिलाड़ियों को प्रत्साहित करने के लिए अलंकरण समारोह होगा. उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची जारी हो, इसके लिए बजट रखा गया है.

सामुदायिक भवन में कब्जे के मामले पर बहस

शताब्दी नगर में सामुदायिक भवन पर नियम विरुद्ध कब्जा और अनियमितता का मामला सदन में ध्यान आकर्षण में उठा. यह मामला विधायक राजेश मूणत ने उठाया. उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी. 3 महीने के भीतर जांच की कार्रवाई की जाएगी. नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने मामले को कानूनी प्रक्रिया में होने की वजह से सदन में विषय को न रखे जाने की बात कही. उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि यह सत्य है. तेलीबांधा के भवन के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत हुई है. सामुदायिक भवन पर कब्जा किया गया है और 1 करोड़ 74 लाख व्यय किया गया है. मामले में पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंकझोक हुई. विपक्षी विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया.

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उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकारी संपत्ति की रक्षा सरकार की जिम्मेदारी है. मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी. जांच के आधार पर दोषी पर कड़ी कार्रवाई होगी. बता दें कि पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया समिति की अध्यक्ष हैं, जिन पर कब्जे का आरोप लगा है.

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