भुवनेश्वर: आठ वर्षीय सुभाजीत जो दूसरी क्लास का छात्र था. उसने अपनी छोटी सी उम्र में ऐसा काम कर दिया कि आज पूरे राज्य में सुभाजीत की ही चर्चे है. सुभाजीत इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसके इस काम की वजह से भुवनेश्वर में अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. सुभाजीत के अंतिम संस्कार में पुलिस आयुक्त संजीव पांडा और डीसीपी प्रतीक सिंह की उपस्थिति में सोमवार को सत्य नगर श्मशान में सुभाजीत साहू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
आपको बता दें कि सुभाजीत का ब्रेन डेड हो गया था और इस बीच उसके परिवार ने उसके अंगदान करने का फैसला लिया. सुभाजीत के इस फैसले से कई लोगों की जिदंगी बचाई. क्लास 2 के छात्र सुभाजीत को पिछले बुधवार को अपने स्कूल में एक परीक्षा देते समय ब्रेन अटैक आया. इसके बाद सुभाजीत को पास के कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर एक निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया, जहां वह कोमा में चला गया.
सुभाजीत के पिता विश्वजीत साहू ने कहा कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, हम उसे बचा नहीं सके. इसलिए, हमने गुर्दे, फेफड़े, यकृत, आंखें, हृदय और अग्न्याशय सहित उसके सभी अंगों को दान करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि मुझे अपने बहादुर बेटे पर बहुत गर्व है जिसने अपने अंगों से कई लोगों की जान बचाई. सुभाजीत की मां सुभाश्री ने कहा कि भले ही वह सिर्फ आठ साल का था, लेकिन उसने ऐसा नेक काम किया है जो 80 साल का बूढ़ा भी नहीं कर सकता.
उन्होंने कहा कि अब, हम खुद को सांत्वना दे सकते हैं कि हमारे बेटे ने दूसरों की जान बचाई और वह उनमें जीवित रहेगा. पुलिस आयुक्त ने कहा कि अंग दाताओं के लिए राज्य सरकार की नवीनतम नीति के अनुरूप लड़के को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उन्होंने कहा कि इससे अधिक लोगों को अंगदान करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पिछले महीने घोषणा की थी कि अंग दाताओं का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 20:30 IST