शशिकांत ओझा/पलामू: पलामू जिला हमेशा से सूखा प्रभावित जिला रहा है. यहां के किसानों को हर साल सूखे की मार झेलनी पड़ती है. वहीं दूसरी ओर किसान नील गाय से भी परेशान रहते हैं. फसल तैयार हो जाए, तो नील गाय एकड़ के एकड़ फसल चट कर जाते हैं. ऐसे में किसानों को बेहद परेशानी झेलनी पड़ती है. अगर आप भी नील गाय से परेशान है, तो इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कैसे नील गाय से आप अपने फसल का बचाव कर सकते हैं.
दरअसल,पलामू जिले के पड़वा प्रखंड के भुसरा गांव में वैज्ञानिक किसान अंतरमिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आत्मा पलामू की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में 50 से अधिक किसान भाग लिया. इस कार्यक्रम में किसानों ने वैज्ञानिक के सामने नील गाय से फसल नुकसान की समस्या रखी. मौके पर वैज्ञानिक डॉ० प्रमोद कुमार ने बताया की नील गाय से बचाव के लिए आप झटका करंट विधि को अपना सकते हैं. इसके लिए अपने खेत को चारो तरफ से घेर लें. इसके बाद सोलर और बैटरी से जोड़ लें. इससे किसी इंसान और जानवर की जान नहीं जाती बस करंट लगता है. इससे वो फसल को नुकसान नहीं पहुंचाएगा.
पपीते की खेती से किसान कमा सकते हैं लाखो
आगे बताया कि इस आयोजन में किसानों को पारंपरिक खेती के अलावा आधुनिक और फलदार वृक्षों की खेती करने को भी प्रेरित किया गया. इस दौरान उन्हें पपीते की खेती के बारे में बताया गया. जिसके लिए किसान अपने एक एकड़ जमीन में 1200 रेड लेडी पौधे को लगा सकते हैं. जिसके लिए लगभग 40 से 50 हजार रुपए खर्च होगा. इस पौधे से साल में दो बार मुनाफा मिलता है. जिससे किसान साल में दो लाख रुपए आराम से कमा सकते हैं. इसे लगाने के लिए किसान मार्च महीने और जुलाई महीने में लगा सकते है.
आपको बता दें कि बिरसा कृषि विश्विद्यालय से 22 छात्र पलामू दौरे पर है. इस दौरान इस कार्यक्रम में छात्रों ने किसानों की समस्या सुनी. मौके पर कृषि वैज्ञानिक प्रमोद कुमार ने बताया की किसानों ने नींबू के फसल में फल नहीं होने की समस्या बताई. जिसके लिए उन्हें बताया गया की किसान ऐसे में किसान नंबू को पानी देना बंद करें .इसके साथ किसान भाई प्लानोफिक्स दवा को एक लीटर पानी में एक एम एल मिलाकर छिड़काव करें, तो नंबु में फल होने लगेगा. उन्होंने बताया की किसानों को गरमा मूंग की खेती के बारे में भी बताया गया. जिसका समय नजदीक आ रहा है. किसान 15 मार्च से 10 अप्रैल तक इसकी खेती कर 60 दिनों में फसल तैयार कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 19:13 IST