विशाल कुमार/छपरा: बिहार की मधुबनी पेंटिंग को विश्व स्तर पर पहचान मिल रही है. यह पेंटिंग नए संसद भवन के गलियारे की शोभा बढ़ा रही है. बिहार के मिथिलांचल की यह सांस्कृतिक विरासत रोजगार देने के साथ स्थानीय स्तर पर आर्थिक स्थिति बदलने में कारगर साबित हो रही है. यह कला शहर से लेकर गांव की गालियों तक में जीवंत है. मधुबनी पेंटिंग से हर उम्र के लोग जुड़े हुए हैं. छपरा में भी मधुबनी पेंटिंग का क्रेज बढ़ रहा है. यहां भी छात्राएं प्रशिक्षण लेकर मधुबनी पेंटिंग बना रही है. छपरा के स्किल इंडिया सेंटर में छात्राएं पेंटिंग का गुरु सीख रही है और रंग बिरंगी परिधान तैयार कर रही है. बाजार में भी अधिक डिमांड है.
स्किल इंडिया के तहत कौशल विकास केंद्र में मधुबनी पेंटिंग के जरिए अलग-अलग तरह के कपड़ों पर पेंटिंग करने की गुर छात्राएं सीख रही है. प्रशिक्षण लेडी छात्राएं अलग-अलग पैटर्न पर मधुबनी पेंटिंग बना रही है. मधुबनी पेंटिंग की डिमांड बाजार में जबरदस्त है. स्थानीय बाजारों तक पहुंचाने का जिम्मा संस्थान खुद कर रहा है. ट्रेनर लवली कुमारी ने बताया कि बाजारों में यह कपड़े अच्छी कीमतों पर बिक रहे हैं. जिसके कारण लड़कियों को मुनाफा हो रहा है और उनकी जिंदगी को आगे बढ़ने का एक नया रास्ता मिल रहा है. मधुबनी पेंटिंग का मांग छपरा में बड़े पैमाने पर हो रहा है. बाजार में जिस तरह का डिमांड है लड़कियां इस तरह का कपड़े बनाकर उपलब्ध करा रही है.
मधुबनी पेंटिंग की दी जाती है ट्रेनिंग
ट्रेनर लवली कुमारी में बताया कि छपरा के लिए मधुबनी पेंटिंग नया और आकर्षित करने वाला है. उन्होंने बताया कि यहां जो लड़कियां प्रशिक्षण ले रही है, उन्हें मधुबनी पेंटिंग बनाने में प्रयुक्त होने वाले हर बारीकियां का प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षण लेकर लड़कियों कपड़े पर बेहतरीन मधुबनी पेंटिंग बना रही है. इसकी डिमांड लगातार बाजार में बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद लड़कियां अपने घर पर पेंटिंग बनाकर बेच रही है. मधुबनी पेंटिंग से छपरा के लोगों को रूबरू कराने के लिए प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, इसके लिए तैयारी चल रही है. लड़कियों को प्रशिक्षण देने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि वह सीखकर पैसा अर्जित कर सके.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 18:13 IST