छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को बढ़ावा दे रही है घोटालों में डूबी बघेल सरकार: रमन

रिपोर्ट – अनिन्द्य बनर्जी

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी होनी है लेकिन, लगातार तीन कार्यकाल के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में भारी झटका खाने वाले भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चुनाव अभियान का बिगुल फूंक दिया है. भ्रष्टाचार को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाते हुए, रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर लाखों करोड़ रुपये के कई कथित घोटालों का आरोप लगाया है.

News18 को दिए एक विशेष साक्षात्कार में, पार्टी में ‘डॉक्टर साहब’ के नाम से चर्चित रमन सिंह ने बताया कि भाजपा ने कभी भी छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि कांग्रेस ने अपने मौजूदा सीएम को अपना चुनावी चेहरा क्यों घोषित नहीं किया. रमन सिंह ने यह भी दावा किया कि, भाजपा के लगातार आंतरिक आकलन के अनुसार, बघेल की हर सार्वजनिक बैठक के साथ भगवा पार्टी की अनुमानित सीटों की संख्या में इजाफा हो जाता है.

साक्षात्कार में, रमन सिंह ने कांग्रेस पर चुनावी लाभ के लिए राज्य में नक्सलवाद को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया…

मुख्य अंश:

आप सबसे लंबे वक्त तक सेवा में रहने वाले भाजपा मुख्यमंत्रियों में से एक रहे हैं, आपको क्या लगता है इस बार आप छत्तीसगढ़ में सत्ता में आएंगे?
भाजपा की सरकार बनने से पहले छत्तीसगढ़ पलायन और भुखमरी से जूझ रहा था. यह हमने सुनिश्चित किया कि राज्य में रहने वाले 58 लाख गरीब परिवारों को एक रुपये किलो के दाम पर चावल उपलब्ध हो. हमारा पीडीएस (पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम) देश में एक मिसाल है. लेकिन दुर्भाग्य से, आज भूपेश बघेल सरकार जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, उसने इसी पीडीएस योजना में 600 करोड़ रुपये बनाए हैं. राज्य की बात छोड़िए, इन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए केंद्र से आ रहे फंड के तहत 5000 करोड़ का घोटाला किया है.

भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ कौशल उन्नयन के मामले में देश का 14% लक्ष्य पूरा करने वाला एकमात्र राज्य हुआ करता था. लेकिन आज यहां सीजीपीएससी (छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग) घोटाला सामने आ रहा है और सरकारी नौकरियां बेची जा रही हैं, यहां तक कि युवाओं के प्रदर्शन के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कोई फर्क नहीं पड़ा. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़े-बड़े वादे कर जनता को धोखा दिया. जनता ने उन्हें इस विश्वास के साथ वोट दिया कि विकास की गति तेज होगी, लेकिन छत्तीसगढ़ की वर्तमान दुर्दशा को देखने के बाद राज्य कांग्रेस के इस कुशासन को समाप्त कर देगा. प्रदेश की जनता पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार चुनने का मन बना चुकी है.

इस बार आपकी पार्टी का राज्य में मुख्य चुनावी मुद्दा क्या है?  भाजपा के पास राज्य में गिनाने के लिए 15 साल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र के 9 सालों की उपलब्धियां हैं, और हम जनता के बीच उन्हीं के साथ जाएंगे. कांग्रेस इसे लेकर घबराई हुई है, आखिर वह जनता की अदालत में अपनी क्या उपलब्धियां गिनाएंगे?  कोयला घोटला 540 करोड़ रू, 600 करोड़ का चावल घोटाला, 5000 करोड़ रू का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, गौथन घोटाला जो 1300 करोड़ का है, गाय का गोबर घोटाला 229 करोड़, सीजीपीएससी घोटाला जिसमें लाखों करोड़ रू का भ्रष्टाचार हुआ, यह कांग्रेस की कुछ उपलब्धियां हैं. अब ईडी ने भी सबूत पेश किया है जो बताता है कि महादेव ऐप के सुरक्षित संचालन में मुख्यमंत्री कार्यालय के करीबी लोग शामिल हैं. इसमें कोई हैरानी नहीं कि इस बार कांग्रेस अपना घोषणापत्र दरवाजों के पीछे तैयार कर रही है.

क्या आपको हैरानी हुई जब भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक इतनी जल्दी बुलाई गई? नामों को इतनी जल्दी जारी करने के पीछे क्या सोच थी ?

भाजपा के कामकाज का जो तरीका है, उसके हिसाब से अगर बैठक इतनी जल्दी हुई तो इसमें कोई  हैरान की बात नहीं है. जिन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई है,  दरअसल उन सीटों पर पिछले चुनाव में भाजपा को उम्मीद के मुताबिक वोट नहीं मिले थे. इस बार ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में कई नये चेहरे उतारे गये हैं. और इन सभी सीटों पर उम्मीदवारों को तैयारी के लिए ज्यादा समय मिलेगा. और वे आम लोगों से ज्यादा से ज्यादा जुड़ पाएंगे. इन 21 नामों की पहले घोषणा प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को बताने के उद्देश्य से की गई है. आने वाले दिनों में जनता के सहयोग और आशीर्वाद से वे विजयी होंगे 

पूरी सूची मिलने की कब तक उम्मीद की जा सकती है

चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, इसलिए निश्चित तौर पर जल्द ही पूरी सूची जारी कर दी जाएगी. फिलहाल तो कांग्रेस की हालत 21 नामों की इस सूची से ही पस्त है. और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाली सूची भी ऐसी होगी जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में दर्ज होगी. फिलहाल कांग्रेस को पहली सूची के दर्द से उबरने दीजिए. अगर हमने तुरंत दूसरी सूची जारी कर दी तो उनका दर्द और बढ़ जाएगा.

फिलहाल, पाटन विधानसभा क्षेत्र से विजय बघेल की उम्मीदवारी की जानकारी मिलने के बाद भूपेश बघेल भी सकते में हैं क्योंकि यह वही विजय बघेल हैं जो उन्हें पहले भी शिकस्त दे चुके हैं.

भाजपा का आंतरिक आकलन क्या कहता है, इस बार पार्टी को छत्तीसगढ़ में कितनी सीट हासिल होंगी

भाजपा समय-समय पर सर्वेक्षण कराती रहती है और ग्राउंड रिपोर्ट भी आती रहती है. एक बात बताता हूं आप सुन कर हैरान हो जाएंगे- -भूपेश बघेल के हर सार्वजनिक कार्यक्रम के बाद भाजपा की सीटों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है. उनकी हर बातचीत के बाद जनता का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है. यह देखते हुए कि विभिन्न घोटालों से समाज के हर वर्ग को कैसे धोखा दिया गया है, इससे आप इस चुनाव में कांग्रेस की कुल सीटों का अच्छी तरह से अनुमान लगा सकते हैं.

भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच खींचतान किसी से छिपी नहीं है, और यह अभी भी जारी है, ऐसे में आपको क्या लगता है भाजपा इसका फायदा उठा सकती है ?

कांग्रेस एक वंशवादी पार्टी है और परिवार का आदेश सर्वोच्च है. पिछले पांच सालों में उनकी आंतरिक कलह ने राज्य को जर्जर स्थिति में पहुंचा दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना के 16 लाख मकान नहीं दिए, जिसके बाद टीएस सिंह देव ने पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र के 36 प्रमुख वादों को पूरा नहीं किया जिसके चलते टीएस सिंह देव ने घोषणापत्र समिति में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. डीएमएफ फंड में 7 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप उनकी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने लगाया है. इस बीच, विधायक शैलेश पांडे का कहना है कि छत्तीसगढ़ पुलिस को पुलिस स्टेशनों के बाहर (रिश्वत के लिए) ‘रेट-लिस्ट’ लगानी चाहिए. यहां तक ​​कि राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू जी को भी शक्तिहीन और किनारे कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की कुल मिलाकर यही तस्वीर है.

 भूपेश बघेल ने हाल ही में कहा था कि राज्य में भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है, सिर्फ सीबीआई और ईडी है. आपका क्या कहना है?

छत्तीसगढ़ में हमने, आज तक, कभी भी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा है. चुनाव के बाद विधायक दल एक घंटे के अंदर अपना नेतृत्व तय कर लेता है. अब जहां तक ​​बघेल के बयान का सवाल है तो उन्हें पहले अपनी चिंता करनी चाहिए. उनके केंद्रीय नेतृत्व ने भी साफ कर दिया है कि 2023 का विधानसभा चुनाव भूपेश बघेल को सीएम चेहरे के तौर पर रखकर नहीं लड़ा जाएगा. बल्कि इसे कांग्रेस पार्टी के सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा.  ईडी और सीबीआई को “भाजपा का चेहरा” बताना एकत हास्यास्पद बयान है जो भूपेश के दोहरे चरित्र को दिखाता है. यह वही भूपेश बघेल हैं जो कभी ईडी को पत्र लिखकर जांच की गुहार लगाते थे और अब उसी एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं. उनके नौकरशाह सात महीने से जेल में हैं. क्या अब वह न्यायपालिका को भी भाजपा का चेहरा कहेंगे?

हमने मध्य प्रदेश सरकार को लाडली बहना योजना जैसी कई मुफ्त सुविधाओं और योजनाओं की घोषणा करते देखा है, छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी ने हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. क्या आप भी ऐसे ही वादे करने पर विचार कर रहे हैं?भाजपा मुफ्त रेवड़ी बांटने में विश्वास नहीं करती. भ्रष्टाचार कर लूट करना फिर मुफ्त रेवड़ी बांटना यह भाजपा की नीति नहीं है. जहां तक,  आप मध्य प्रदेश की जिस लाड़ली बहना योजना का जिक्र कर रहे हैं, वह बहुत सराहनीय है. इसे राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने की सोच के साथ चलाया जा रहा है. मुफ्त बांटने और समर्थन देकर वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाने में अंतर है.जहां तक (अरविंद) केजरीवाल के वादे का सवाल है, उन्होंने बिजली कटौती को खत्म करने का भी वादा किया है. मैं उन्हें याद दिला दूं कि छत्तीसगढ़ बहुत पहले ही भाजपा के कार्यकाल में शून्य बिजली कटौती वाला राज्य बन गया था.

 

क्या राज्य में, खासकर बस्तर जैसे इलाकों में नक्सलवाद अभी भी चुनावी मुद्दा है ?

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि एक बड़ी समस्या है. आज बघेल सरकार की बेअसर और अस्पष्ट नीतियों की वजह से और नक्सल-प्रभावी इलाकों में सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही के चलते हालात और बदतर हो गए हैं. ना जाने कितने लोगों ने अपनों को गंवाया है. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए बस्तर में चुनावी फायदा से ज्यादा और कुछ भी अहम नहीं है.

पिछले 6 महीनों में, 6 भाजपा नेताओं को लक्षित करके मारा गया है, भाजपा के नेताओं को लगातार इसलिए मारा जा रहा है क्योंकि नक्सल जानते हैं कि अगर भाजपा सरकार आ गई तो वह फिर से कमज़ोर पड़ जाएंगे, कांग्रेस ने राज्य में नक्सलवाद को बढ़ावा दिया है.

आप भूपेश बघेल सरकार को पिछले 5 सालों के उनके कार्यकाल के हिसाब से 0 से 10 तक में क्या अंक देंगे ?

मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल को कोई अंक नहीं दूंगा. लेकिन छत्तीसगढ़ में जिस तरह से शोषण, भ्रष्टाचार और अवैध वसूली हुई है…सीएम के वरिष्ठ अधिकारी जुए में उलझे हुए हैं. वे जिस तरह से बेनकाब हुए हैं .इन ’40 चोरों के सरदार’ की करतूतों ने छत्तीसगढ़ की जनता को अब इन्हें ‘दो नंबरी’ कहने पर मजबूर कर दिया है.

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