रामकुमार नायक/रायपुर : छत्तीसगढ़ में हर त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, साथ ही छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखती है. इन दिनों प्रदेश में दिवाली की धूम है, बाजार सज चुके हैं. बाजारों में तरह-तरह के सजावटी सामान भी बिक रहे हैं. लेकिन उनमें कहीं न कहीं छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक दिखाई देती है. ऐसे में आप धान की झालर से घर की सजावट कर सकते हैं.
धान की झालर का उद्देश्य…पशु-पक्षियों का संरक्षण
छत्तीसगढ़ में दिवाली पर धान की झालरों की सजावट देख बाहर से आने वाले लोग चौंक जाते हैं. दरअसल, धान की अधपकी बालियां न केवल घरों की मुंडेर पर रौनक बिखेरती हैं, बल्कि इन्हें सजाने की परंपरा के पीछे पशु-पक्षियों के संरक्षण की प्राचीन परंपरा भी कायम है. राज्य के बड़े-छोटे सभी दिवाली बाजार में ये झालर दिख जाएगी. दिवाली के बाजार में बड़ी संख्या में ग्रामीण इन झालरों को बेचने आते हैं. दिवाली के मौके पर इसे घर के बाहर दरवाजे पर लटकाया जाता है, ताकि चिड़िया दाना चुग सकें.
यह भी पढ़ें : इस शादी को क्या नाम दूं…वीवीपैट दूल्हा तो बैलेट पेपर बनी दुल्हन, जिला प्रशासन बना बाराती
500 रुपए से 1500 रुपए तक है इनकी कीमत
आरंग से राजधानी रायपुर धान की झालर लेकर बेचने पहुंचे जयप्रकाश परधि ने बताया कि छत्तीसगढ़ में घर की चौखट के ऊपर परंपरानुसार धान की झालर बांधने का रिवाज है. धान के झालरों की खास डिमांड बनी हुई है. मिक्स झालर, गोल झालर, सुआ झालर जैसे अलग अलग डिजाइन के धान के झालर हैं. धान की इन झालरों की कीमत 500 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक है. डिजाइन के हिसाब से इनका रेट तय हैं.
यह भी पढ़ें : व्यर्थ में खर्च हो जाता है धन और नहीं ठहरता है पैसा….तो इस दिवाली करें ये उपाय, घर में होगा लक्ष्मी का वास
.
Tags: Assembly election, Chhattisagrh news, Dhanteras, Diwali, Local18, Raipur news
FIRST PUBLISHED : November 10, 2023, 14:00 IST