छत्तीसगढ़ के यूनिवर्सिटी मिली ऐसी रेटिंग, सर्वे करने वाले भी रह गए हैरान

सौरभ तिवारी/बिलासपुर:- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में राज्य का इकलौता केंद्रीय विश्वविद्यालय है. गुरु घासीदास केंद्रीय विवि दशकों से उच्चतम रेटिंग और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की आस में था, जो अब समय के साथ पूरी होती दिख रही है. वहीं जनवरी के आखरी सप्ताह में NAAC की टीम ने विवि का सर्वे किया, जिसमें मिली रेटिंग ने सबको चौंका दिया है.

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में निरीक्षण के लिए NAAC की टीम 29 से 31 जनवरी तक बिलासपुर में मौजूद थी. NAAC टीम के आने से पहले विवि की 40 सदस्यी टीम ने अच्छे ग्रेड के लिए पूरी तैयारियां की थी. जानकारी के मुताबिक सारे पैमानों को देख NAAC ने विश्वविद्यालय को 4 में से 3.8 रेटिंग दिए, जबकि जेएनयू की रेटिंग 4 में से 3.9 है. माना जा रहा है कि यह बात NAAC को ही हजम नहीं हो रही है, इसलिए टीम दोबारा निरीक्षण के लिए आने वाली है और इस बार टीम में नए सदस्य होंगे.

विश्वविघालय को मिली इतनी रेटिंग
जानकारी के अनुसार, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को 4 में से 3.8 रेटिंग मिले हैं, जिससे यह आसानी से ए-प्लस कैटेगरी के लिए एलिजिबल है. इधर देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू की रेटिंग 4 में से 3.9 है. इसके चलते इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पिछले दस सालों में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने किस खास तैयारी के तहत इतनी उच्च रेटिंग हासिल की है. इसी के पुनर्निरीक्षण के लिए NAAC की नई सदस्यों वाली टीम दोबारा विश्वविद्यालय का जायजा लेने पहुंचेगी. यहां NAAC की टीम सभी दस्तावेजों को दोबारा खंगालेगी. अगर पुराने निरीक्षण से वर्तमान निरीक्षण के परिणाम संतोषजनक पाए जाते हैं, तो जल्द ही गुरु घासीदास को रटिंग और ग्रेड दे दिया जाएगा.

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इस आधार पर मिली रेटिंग
NAAC के सर्वे के लिए एसएसआर रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया था. एसएसआर में 40 हजार डॉक्यूमेंट लगने की बात कही गई है. इस रिपोर्ट में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में कितने पाठ्यक्रम, कितने प्रोग्राम, कोर्स का रिवीजन, एनईपी कैसे लागू किया, शिक्षक व स्टूडेंट का रेशियो, प्रवेश की क्राइटेरिया, विद्यार्थी, शिक्षक और इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की संख्या, कहां-कहां से विद्यार्थी आते हैं, स्कॉरलशिप मिल रहा या नहीं समेत अन्य जानकारियां दी गई थी. उस वक्त के आईक्यूएसी के डायरेक्टर पीके वाजपेयी ने NAAC की टीम के लिए विश्वविद्यालय में 300 पेज की रिपोर्ट तैयार की थी. तैयारी के लिए 14 समितियां थी, जिसमें 32 विभागाध्यक्ष, 11 डीन और कुछ अधिकारी शामिल थे. सभी दस्तावेजों के पूरे होने के चलते इतनी हाई रेटिंग मिलने की बात कही जा रही है.

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