रामकुमार नायक, रायपुरः देवी आराधना का पावन पर्व नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है, ताकि माता रानी की विशेष कृपा मिल सके. नवरात्रि में माता रानी को 16 श्रृंगार किया जाता है. इन 16 श्रृंगार में लाल चुनरी, चूड़ी, बिछिया, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल, चोटी, मंगल सूत्र या गले के लिए माला, पायल, नेलपॉलिश, लाली, कान की बाली और चोटी में लगाने के लिए रिबन होता है.
मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में जो भी माता रानी को 16 श्रृंगार चढ़ाता है, उसके घर में सुख समृद्धि आती है और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. ध्यान रहे कि जो भी महिला माता रानी को 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करें, उसे खुद भी 16 श्रृंगार करना चाहिए. ऐसा करने से मां जल्द प्रसन्न हो जाती है और अखंड सौभाग्य का वरदान देती है.
माता को 16 श्रृंगार चढ़ाने आते हैं भक्त
राजधानी के पुरानी बस्ती इलाके में स्थित सबसे प्राचीन देवी मंदिर यानी मां महामाया मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्त आते हैं. मां महामाया को 16 श्रृंगार भी चढ़ाते हैं. मंदिर के पास ही एक दुकान है जहां आपको 16 श्रृंगार बड़ी आसानी से मिल जाएंगी वह भी कम दाम पर. नवरात्रि के अवसर पर अगर आप महामाया मंदिर दर्शन के लिए आते हैं तो माता को 16 श्रृंगार अवश्य चढ़ा सकते हैं.
महामाया मंदिर 1400 साल पुराना
श्री महामाया श्रृंगार दुकान के संचालक केदार साहू ने बताया कि हमारे यहां माता जी के लिए 16 श्रृंगार उपलब्ध है. दुकान सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक दुकान खुलती है. 16 श्रृंगार में आलता, बिंदी, चूड़ी, रिबन, माता का सिंदूर, पॉवडर, नेलपॉलिश, तेल, आइना, मेहंदी जैसे सामान रहते हैं. यहां 16 श्रृंगार सेट में उपलब्ध है जिसकी कीमत 40 रुपए, 60 रुपए और 80 रुपए वाली सेट उपलब्ध है.
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इसके अलावा यहां चुनरी, श्रीफल नारियल, चंदन जैसे सभी सामान मिल जाएंगे, जिनकी मंदिर में आवश्यकता होती है. दुकान के पास ही 1400 वर्ष प्राचीन मां महामाया का मंदिर है यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और इस शृंग के दुकान से 16 श्रृंगार के अलावा अन्य आवश्यक सामान लेकर मंदिर जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 19, 2023, 11:15 IST