सौरभ तिवारी/बिलासपुरः यूं तो हर एक व्यक्ति का जीवन अपने आप में खास होता है. हर एक व्यक्ति की लाइफ स्टोरी किसी सुपरहिट कहानी से कम नहीं. हर इंसान अपने आप में संघर्षों, मेहनत, दृढ़ता और साहस का परिचय होता है. तो ऐसे ही लोगों की कहानियों को आप तक पहुंचाने का काम करता है एक संस्थान जिसका नाम Humans of Chhattisgarh है. शायद आपने Humans of Chhattisgarh के बारे में सुना हो या इनके Instagram पेज या रील को आपने देखा ही होगा. ये संस्था आम लोगों की खास कहानियों को लोगों तक सोशल मीडिया के जरिए पहुंचाती है. तो वहीं आज हम आपको इनकी कहानी बताने जा रहे हैं.
कॉलेज से की शुरुआत
Humans of Chhattisgarh की शुरुआत पहले एक लोकल लेवल पेज के रूप में बिलासपुर से हुई थी. पहले इसका उद्देश्य था सिर्फ बिलासपुर की कहानियों को लोगों तक पहुंचाना. इसकी शुरुआत अंशुल नागदेव, जो की लिटरेचर की स्टूडेंट थी, और उनकी छोटी बहन चांदनी नागदेव ने की थी. फिर जब यह आइडिया इनके दोस्त आकाश गुप्ता और आयुष्मान त्रिपाठी तक पहुंचा तब इन्होंने इस आइडिया को राज्य स्तर पर लाने का सोचा और फिर बना Humans of Chhattisgarh. तब यह सारे लोग बिलासपुर के गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के छात्र थे.
संस्था का जानें मकसद
Humans of Chhattisgarh का उद्देश्य आम लोगों के जीवन की कहानियों को लोगों तक पहुंचाना है. विश्व भर में और देश भर में ऐसे और भी पेज हैं जो इस काम को बड़े स्तर पर पहले से कर रहे हैं. इससे प्रेरित होकर Humans of Chhattisgarh की शुरुआत की गई. आज इसके इंस्टाग्राम हैंडल पर लगभग 60 हजार फॉलोवर्स हैं. Humans of Chhattisgarh ने अब तक सैकड़ों लोगों की कहानियां लोगों तक पहुंचा दी है. इनके वीडियोज को काफी पसंद किया जा रहा है, और कई वीडियो मिलियन व्यूज के साथ वायरल भी हो गए हैं.
बिना रेवेन्यू काम जारी
Humans of Chhattisgarh की टीम की सबसे खास बात यह है कि इनकी पूरी टीम बिना किसी रेवेन्यू के काम करती है. इसके फाउंडर मेंबर्स में अंशुल नागदेव, चांदनी नागदेव, आकाश गुप्ता, और आयुष्मान त्रिपाठी हैं, जबकि आज लगभग 15 से 20 लोगों की कोर टीम है जो स्टोरी राइटिंग, स्टोरी कलेक्शन, और वीडियो प्रोडक्शन का काम करती है. इनकी टीम के सभी लोग बिना किसी सैलरी के सिर्फ और सिर्फ स्टोरी टेलिंग के जज्बे के साथ Humans of Chhattisgarh से जुड़े हुए हैं.
संस्था का जानें उद्देश्य
Humans of Chhattisgarh की टीम अब Instagram से आगे बढ़कर इसे गांव और शहरों तक मंच पर उतारना चाहती है. वह चाहते हैं कि गांवों और शहरों में स्टोरी टेलिंग के आयोजन हों, जिससे लोग अपने जीवन से जुड़ी खास कहानियों को सबके साथ शेयर कर सकें. इससे हर किसी के जीवन की कहानी में दूसरों के लिए कोई न कोई सीख या मोटिवेशन छुपी होगी, जो सभी के लिए प्रेरणाप्रद होगा.
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FIRST PUBLISHED : December 15, 2023, 15:56 IST