परमजीत कुमार/देवघर.छठ महापर्व एक ऐसा पर्व है जिसमें देश के लोगों की इमोशंस इस पर्व में जुड़ी होती है. खासकर उत्तर भारत के लोगों के साथ. छठ पर्व परिवार के साथ मनाने के लिए लोग महीनो पहले टिकट कटा कर घर पहुंचते है. छठ पर्व मन्नतौ का पर्व भी कहा जाता है. इस पर्व में भगवान सूर्य और माता षष्ठी की उपासना की जाती है. उपासना करने के साथ जातक जो भी मनोकामनाएं मांगती हैं वह जल्द ही पूर्ण हो जाती है.
छठ महापर्व में व्रती को कड़े नियमों के साथ 36 घंटे निर्जला उपवास में रहना पड़ता है.इसके साथ और भी कई ऐसी परंपरा है जो इस पर्व में निर्वाहन किया जाता है. इस पर्व मे सुहागिन महिलाएं नाक से सिंदूर लेती है. छठ पूजा में सुहागिन महिलाएं आखिर नाक से सिंदूर क्यों लेती है जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से.
क्या कहते है देवघर के ज्योतिषआचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि छठ महापर्व में कई परंपराओं को निभाया जाता है. जैसे इस पर्व में जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है वह दंड प्रणाम देते हुए छठ घाट पहुंचती है. इसके साथ ही सुहागिन महिलाओं को नाक से माथे तक सिंदूर दिया जाता है.वही इस दिन महिलाएं सूर्य आराधना के साथ अपने पति और संतान के सुख शांति और लंबी आयु की कामना के साथ इस व्रत को पूरा करती हैं.जो भी छठ महापर्व में सच्चे मन से अब पूरे आस्था के साथ भगवान सूर्य की आराधना करते हैं उनके मंगल कामनाएं जो पूर्ण होती है.
इस दिन नाक सें माथे तक क्यू लेती है सिंदूर
आज के दौर में एक और जहां सिंदूर छिपाने की परंपरा चलती आ रही है. वही इस दौर में छठ महापर्व में एक लंबा सिंदूर सुहागिन महिलाओं को दिया जाता है. यह सिंदूर सुबह के सूर्य भगवान को अर्घ देने के बाद छठ घाट पर हीं महिलाओ को दिया जाता है पुरे नाक से लेकर माथे तक और यह सिंदूर विशेष सिंदूर जिसे नारंगी सिंदूर भी कहते है. जो सबसे पवित्र सिंदूर भी माना जाता है.माना जाता है कि लंबा सिंदूर लेते वक्त महिलाएं मनोकामना करती है कि भगवान सूर्य उनके पति की आयु भी लम्बी रखे. सुहागिन महिलाओं को लंबा सिंदूर लेने से उनके पति की समाज में मान प्रतिष्ठा की वृद्धि होती है.
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FIRST PUBLISHED : November 18, 2023, 15:09 IST