चौथी बार टूटेगी परंपरा, चंद्र ग्रहण की वजह से दिन में होगी मां गंगा की आरती

वाराणसी. उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर है. 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण होने की वजह से वाराणसी में मां गंगा की आरती दिन में होगी. 32 सालों में यह चौथी बार है, जब गंगा आरती के समय की परंपरा टूटेगी. आरती ग्रहण के 9 घंटे पहले लगने वाले सूतक काल के पहले ही होगी. जानकारी के मुताबिक, ग्रहण 28 अक्टूबर रात 1.05 बजे लग रहा है. इस वजह आरती दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक होगी. इससे पहले 16 जुलाई 2019 को भी चंद्रग्रहण के कारण मां गंगा की आरती दोपहर में हुई थी. इस साल शारदीय नवरात्रि के पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था और अब दशहरे के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. यह आखिरी चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन होगा.

इस तरह से अक्टूबर के महीने में त्योहारों के साथ ही ग्रहण के नजरिए से बहुत ही खास है. साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी देखा जा सकेगा. इसके अलावा, यह चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी देखा जा सकेगा. शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण लगने वाला है, इसलिए माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए आप सूतक से पहले पूजा कर सकते हैं या फिर ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा कर सकते हैं.

सूतक से पहले या ग्रहण खत्म होने के बाद कर सकते हैं पूजा
शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने से आपके घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस साल, चंद्र ग्रहण के कारण, आप माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए सूतक से पहले या ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा कर सकते हैं. आपकी श्रद्धा, भक्ति, और आस्था ही इस पूजा के परिणामों को प्रभावित करेंगी.

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चंद्र ग्रहण के समय न रखें शरद पूर्णिमा की खीर, इस गलती से बचें
28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है और उस दिन चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर से प्रारंभ है. यदि आप इस दिन खीर बनाकर रखते हैं तो व​ह दूषित हो जाएगा. सूतक काल के पूर्व आप खीर बना लेते हैं तो भी वह ग्रहण से दूषित होगा. उसे आप ग्रहण के बाद चंद्रमा की रोशनी में रखकर नहीं खा सकते हैं. दूषित खीर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

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