चोर, डाकू, लुटेरे और मर्डर के आरोपी, जिगरा हो, तो इस पेट्रोल पंप पर गाड़ी में भरवाना तेल

शक्ति सिंह/कोटा. कोटा की सेंट्रल जेल में बंद लूट, डकैती, मर्डर, अपहरण, दुष्कर्म और भी अन्य गंभीर धाराओं में बंद कैदी अब नौकरी कर रहे हैं. दरअसल जेल के अंदर सजा काटते हुए लंबे समय बाद अच्छा आचरण देखकर जेल प्रशासन इन्हें ओपन जेल में रख देता है. अच्छे चाल-चलन वाले कैदियों को सेंट्रल जेल की तरफ से साल भर पहले शुरू किए गए पेट्रोल पंप पर इन कैदियों को पेट्रोल डीजल भरने में लगा दिया है. कैदियों को प्रतिदिन ₹300 महीने के ₹9000 दिए जाते हैं.

इस पेट्रोल पंप पर 30 कैदी हैं जो शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी देते हैं. 2023 में यह पेट्रोल पंप शुरू किया था. तब इसकी सेल 75000 थी साल भर में 31 करोड़ रुपए की सेल हुई है. कैदियों के पेट्रोल पंप की और आज वर्तमान में 10 लाख रुपए प्रतिदिन की सेल हो रही है. यह पेट्रोल पंप नयापुरा सेंट्रल जेल के पास बना हुआ है. इस पेट्रोल पंप पर मॉनिटरिंग के लिए है जेल स्टाफ भी लगा हुआ है.

जेल प्रशासन कर रही अच्छा काम
पंप पर काम कर रहे कैदी सुनील पांचाल करीब 8 साल से एनडीपीएस के एक मामले में सजा काट रहे हैं. उन्होंने बताया कि जेल के इस नवाचार से उन्हें खुली हवा में सांस लेने का मौका मिल रहा है. साथ ही आय भी हो रही है. वह अपनी सैलरी को घर भिजवाते है और सजा खत्म होने के बाद फिर से नया जीवन शुरू करेंगे. हत्या के मामले में सजा काट रहे रामगंज मंडी के तुलसीराम राठौड़ ने बताया कि इस पंप के जरिए उन्हें सुधरने का मौका भी मिल रहा है और साथ ही रोजगार भी. जीवन में हुई उसे गलती की सजा उम्र भर याद रहेगी लेकिन जेल प्रशासन की ओर से सुधारने का अच्छा काम किया जा रहा है.

31 करोड़ हुई सालभर की सेल
सेंट्रल जेल सुपरिंटेंडेंट परमजीत सिद्धू ने बताया कि 1 जनवरी 2023 को पेट्रोल पंप शुरू किया था. पहले दिन 75 हजार की सेल हुई थी. साल भर में इस पेट्रोल पंप से 31 करोड़ की सेल हुई है. वर्तमान में 10 लाख रूपए रोज की सेल हो रही है. ये पंप शहर के बीचों बीच नयापुरा सेंट्रल जेल के पास लगा है. यह पेट्रोल पंप, पेट्रोल पंप एसोसिएशन में शामिल नहीं है. जब कभी हड़ताल या आंदोलन के कारण सभी जगह पेट्रोल पंप बंद रहते है. उस समय सेंट्रल जेल के पंप पर बिक्री चालू रहती है. शहर में पेट्रोल पंप बंद होने पर सेल 18 लाख तक पहुंच जाती है.

300 रुपए में मिलता है कैदियों को मेहनताना
सुपरिटेंडेंट ने बताया कि इस पेट्रोल पंप पर मॉनिटरिंग के लिए जेलर की ड्यूटी लगा रखी है. ओपन जेल के बंदी पेट्रोल भरने का काम करते है. जेल कैंपस में रहते है. शुरुआत में कैदियों को 250 रूपए रोज मेहनताना मिलता था. कैदी 7500 रूपए महीना कमा पाते थे. अब डीजी के निर्देश के बाद कैदियों को 300 रूपए रोज मेहनताना मिलता है. कैदी 9 हजार रूपए महीना कमाते है. अब प्रीमियम का काउंटर भी चालू कर दिया.

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