हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘माननीय सांसद प्रद्युत बोरदोलोई द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई तथ्य नहीं है, और ये पूरी तरह से निराधार हैं.”
इससे पहले, नौगांव के सांसद बोरदोलोई ने एक व्यक्ति के पोस्ट को दोबारा साझा किया जिसमें आरोप लगाया गया कि असम सरकार ने ‘ब्राइट स्टार इन्वेस्टमेंट्स’ नामक एक कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और चंदा देने वालों की एक सूची साझा की जिसमें भाजपा को चंदे के रूप में दी गई राशि के साथ कंपनी का नाम भी है.
दोबारा पोस्ट करते हुए बोरदोलोई ने कहा, ‘‘जैसा कि चुनावी बॉन्ड घोटाले से पता चलता है कि भाजपा में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं. यहां के एक मामले से भी पता चला है कि असम में किस तरह का फर्जी ‘घटनाक्रम’ हुआ! ताश पत्तों के महल के ढहने से कुछ समय पहले ऐसा हुआ.”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने अपने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘ असम सरकार और ‘मेसर्स ब्राइट स्टार इन्वेस्टमेंट्स’ के बीच पारस्परिक लाभ के आरोप लगाकर माननीय सांसद ने खुद को कानूनी कार्रवाई के लिए आमंत्रित किया है.”
उन्होंने कहा, ‘‘असम सरकार का उक्त कंपनी के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है. उल्लिखित समझौता ज्ञापन उक्त कंपनी द्वारा प्रागज्योतिषपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए राज्य सरकार को दिया गया एक परोपकारी दान है.”
मुख्यमंत्री के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बोरदोलोई ने कहा कि वह उन पर मुकदमा चलाने के ऐसे किसी भी कदम का स्वागत करते हैं.
सांसद ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से असम सरकार के ऐसे किसी भी कदम का स्वागत करता हूं, जिसमें चुनावी बॉण्ड को लेकर खुलासा करने के लिए मुझ पर मुकदमा चलाया जाए! ऐसा होता है तो इससे इस मुद्दे पर जिरह करने और भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर निकलने का मौका मिलेगा.”
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