चुनावी टिकट लिस्ट से पहले सिंधिया कैंप में खलबली, कई नेताओं का टूट रहा सब्र

भोपाल. मध्‍य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों दल-बदल का तूफान आया है. शनिवार से शुरू हो रही कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक से पहले कोलारस के भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी से इस्तीफा देकर संकेत दिए हैं कि सिंधिया कैंप में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. रघुवंशी ने अपने इस्तीफे में संगठन और सिंधिया पर कई आरोप लगाए. कांग्रेस सूत्रों पर भरोसा किया जाए तो कई और सिंधिया समर्थकों की घर वापसी हो सकती है.

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर चंबल संभाग में भाजपा को लगातार झटके लग रहे हैं. खास तौर से शिवपुरी जिला जहां सिंधिया परिवार का एकछत्र शासन चलता था, में टूट बढ़ी है. विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी छोड़ने के साथ ही कई आरोप लगाए.
इस्तीफे में रघुवंशी ने कहा कि ‘बीते तीन सालों में जो दर्द उन्होंने महसूस किया वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा वरिष्ठ नेताओं को बताया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.’ उन्होंने कहा ‘शिवपुरी और इसी जिले की कोलारस विधानसभा में भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त कर मेरे क्षेत्र के विकास कार्यों में बाधा डाली गई.’ याद रहे, ऐसे ही आरोप भाजपा के सीनियर लीडर रहे पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने भी लगाए थे.

किसानों के मुद्दे पर मौन रहने के आरोप

विधायक रघुवंशी ने किसानों की सहकारी  बैंकों में घोटालों के आरोप लगाए हैं, जिसमें शिवपुरी जिले में किसानों के खातों की जमा राशि में सेंध लगाने जैसे गंभीर आरोप हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सिंधिया ने किसानों के मुद्दों पर ही कांग्रेस छोडी थी. रघुवंशी दो सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसकी औपचारिकता पर खुद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मौन हैं. हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि रघुवंशी के अलावा कई और विधायकों से भी बातचीत हुई है.

चार नेता छोड़ चुके सिंधिया का साथ

शिवपुरी जिले के ही वरिष्ठ नेता भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहे बैजनाथ सिंह यादव कांग्रेस में शामिल हो गए. उनकी पत्नी कमला यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं. इससे पहले यादव कांग्रेस में शिवपुरी जिलाध्यक्ष रहे हैं. यादव खुद कोलारस से टिकट चाह रहे हैं. वीरेंद्र रघुवंशी कांग्रेस ज्वाइन करते हैं तो उन्हें शिवपुरी से भाजपा की कद्दावर नेता-मंत्री यशोधरा राजे के खिलाफ उतारा जा सकता है. रघुवंशी 2013 में भी यशोधरा के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. बीते महीनों में सिंधिया समर्थक नेताओं में शिवपुरी के ही राकेश गुप्ता, रघुराज धाकड़ पार्टी छोड़ चुके हैं. ये भी सिंधिया समर्थक हैं. वहीं सिंधिया विरोधी खेमे के जितेंद्र जैन गोटू ने भी भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली. जितेंद्र के भाई देवेंद्र जैन शिवपुरी और कोलारस से विधायक रहे हैं. मालवा अंचल में भी सिंधिया खेमे में नाराजगी बनी हुई है. बीते दिनों नीमच के कद्दावर नेता समंदर पटेल ने कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया.

Tags: Assembly election, Jyotiraditya Scindia, Mp news

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