चीफ इंजीनियर से रिटायर होते ही शुरू की ये खेती, अब सालाना कमा रहे 30 लाख रुपये

रजनीश यादव /प्रयागराज: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां लगभग सभी फसलों को उगाया जा सकता है. अब धीरे-धीरे भारत निर्वाह कृषि से आगे निकलते हुए व्यावसायिक कृषि करने पर ध्यान दे रहा है. इसके लिए किसानों को भी नई फसलों को लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. भारत में ड्रैगन फ्रूट ,ड्राई फ्रूट, रसदार फलों की खेती को व्यावसायिक स्तर पर शुरू किया जा रहा है. इन खेती के माध्यम से भारत में फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से कई उद्योग विकसित हो सकते हैं. उत्तर भारत में खासकर ड्रैगन की फ्रूट की खेती करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है.

मुख्य अभियंता के पद से रिटायर्ड होने के बाद सीरियल गौतम खुद को व्यस्त रखने के लिए अपने डेढ़ एकड़ की जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. गौतम बताते हैं कि यहां पर इसकी खेती करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण था. लेकिन, हमने अपने परिश्रम और नवाचार तकनीक के माध्यम से ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की, जिससे डेढ़ एकड़ में मात्र 1 साल में 10 लाख रुपए तक का लाभ प्राप्त हुआ. इसको देखते हुए हमने खेत की क्षेत्रफल में वृद्धि करते हुए इसको साढ़े तीन एकड़ कर दिया. आज 3.50 एकड़ में सालाना 30 लाख रुपये तक की कमाई हो रही है.

कैसे करते हैं इसकी खेती
सीएल गौतम प्रयागराज के सारंगपुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. वह बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट के पौधों को एक डंडा अथवा खंभे के सहारे बांधकर रखते हैं, जिससे वह सीधा बना रहे. इसके लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान की आवश्यकता होती है. इसलिए बहुत लोग पाली हाउस में ड्रैगन फ्रूट को उगाते हैं. लेकिन, हमारे यहां का तापमान इतना ही होता है. गर्मियों में इसको पानी के सहारे संतुलित रखा जाता है. तब जाकर ड्रैगन फ्रूट की अच्छी फसल हो पाती है.

बढ़ती डिमांड से बढ़ता बाजार
सीएल गौतम बताते हैं कि पहले डेढ़ एकड़ में जो ड्रैगन फ्रूट होता था, उसकी खपत प्रयागराज में हो जाती थी. लेकिन जब से 3:50 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं तो इसको अब बाहर भी भेजते हैं. इसका एक फल औसतन 80 से 120 रुपये तक जाता है.

Tags: Local18, Prayagraj News

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