चीन से पहले भारत में होगा iPhone 17 का निर्माण, Apple के फैसले से बौखलाया चीन

कोविड के बाद से चीन की इकोनॉमी पूरी तरह से धड़ाम हो गई है। दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों में से एक ऐपल ने भारत में एंट्री की है। जिसके बाद आईफोन के प्रोडक्शन की हिस्सेदारी चीन से कम करके भारत को दे दी गई है। यूएस के साथ खराब रिश्तों के चलते अमेरिकी कंपनियों ने अपना बोरिया बिस्तर चीन से उठाकर भारत में लगाना शुरू कर दिया है। 

ऐसे में एपल ने एक ऐसा फैसला ले लिया है जिससे चीन में भूचाल आ गया है। दरअसल, ऐपल अब अपने अपकमिंग मॉडल आईफोन 17 का प्रोडक्शन शुरू से ही भारत में करने का फैसला किया है। जिसका मतलब है कि, दुनिया के हाथों में जब पहली बार आईफोन 17 आएगा तो वो मेक इन इंडिया का होगा ना कि मेक इन चाइना का। ये चीन के लिए बड़ा झटका होगा। इसका अहम कारण चीन में आईफोन सिटी है। जहां पर फॉक्सकॉन बड़े पैमाने पर आईफोन का प्रोडक्शन करती है। इस सिटी की भविष्य भी अधर में है, क्योंकि चीन में काम करने वाले हजारों लोग बेरोजगार हो सकते हैं। 

बता दें कि, बीते कुछ समय से भारत के मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बड़ा बूस्ट मिला है। इसका अहम कारण भारत सरकार की पीएलआई स्कीम है। हालांकि, भारत में ऐपल का फोन असेंबल होता ही है जिसमें अब बड़ा अपडेट भी आया है। ऐपल के एनालिस्ट ची कू ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है कि साल 2025 में जो आईफोन 17 लॉन्च होगा वो पूरी तरह मेक इन इंडिया होगा। साथ ही ये पहली बार होगा जब ऐपल चीन से बाहर अपने आईफोन का प्रोडक्शन करेगा। 

आईफोन 17 का प्रोडक्शन भारत में साल 2024 की दूसरी छमाही में शुरू होने की संभावना है। मतलब है कि ये चीन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। ची कू की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 तक भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग  25 फीसदी हो सकती है। जो एक बड़ा आंकड़ा हो सकता है इससे देश की इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा। 

फिलहाल, चीन को अभी और झटके लगने बाकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में ग्लोबल आईफोन शिफमेंट में भारत की हिस्सेदारी 12 से 14 तक बढ़ने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐपल अपनी चीन से डिपेंडेंसी कम करना चाहता है। ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन की आईफोन मैन्युफैक्चरिंग की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। 

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