चीन की रहस्यमयी ‘बीमारी’ कोविड वैक्सीन को कर देगी फेल? भारत में फैली तो क्या होगा, एक्सपर्ट से समझें

हाइलाइट्स

चीन में इन दिनों निमोनिया के मामलों में उछाल देखने से लोगों की चिंता बढ़ गई है.
कोविड संक्रमण भी 2019 में कुछ इसी तरह फैला था, जिसे देखते हुए भारत अलर्ट है.

China Pneumonia & Covid19 Vaccine: चीन में पिछले कई सप्ताह से निमोनिया और सांस संबंधी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. कई लोग इसे रहस्यमयी वायरस बता रहे हैं, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में इसे लेकर लोगों की चिंता बढ़ गई है. भारत समेत कई देशों ने चीन के हालातों को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. डब्ल्यूएचओ ने पिछले सप्ताह कहा था कि चीन में निमोनिया के बढ़ते मामलों के पीछे सर्दियों का कॉमन इंफेक्शन है और इसी वजह से वहां बड़ी तादाद में लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ रहा है. साल 2019 के आखिर में चीन में कुछ इसी तरह कोविड-19 संक्रमण की शुरुआत हुई थी, जिसे पहले निमोनिया ही बताया गया था. उसके बाद चीन से निकलकर कोविड संक्रमण ने पूरे विश्व में खूब कहर बरपाया, जिसमें करोड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ी. वैक्सीन आने के बावजूद अब तक कोविड पूरी तरह खत्म नहीं हो सका है और एक बार फिर चीन में इस तरह के मामले मिलने से महामारी फैलने की आशंका बढ़ रही है.

नई दिल्ली के सीनियर पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. भगवान मंत्री कहते हैं कि अब तक चीन के नए वायरस को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन इसे निमोनिया बताया जा रहा है. अगर बात नए वायरस की करें, तो सभी तरह के वायरल संक्रमण हमारे रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को इंफेक्ट करते हैं. यह इंफेक्शन अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में हो, तो इसे आसानी से रिकवर किया जा सकता है. हालांकि जिन वायरल इंफेक्शंस में लंग्स यानी फेफड़े इन्वॉल्व हो जाएं, तो व्यक्ति की कंडीशन गंभीर हो जाती है. कोविड संक्रमण में भी यही देखने को मिला था. कोविड ने भी तमाम लोगों के लंग्स को इंफेक्ट किया और इससे उनकी जान चली गई. ऐसे में अगर नया वायरस लंग्स को इन्वॉल्व करेगा, तो मृत्य दर बहुत ज्यादा हो सकती है. साथ ही इसके फैलने का खतरा भी ज्यादा रहेगा.

डॉ. भगवान मंत्री के अनुसार जब कोई वायरल इंफेक्शन फेफड़ों में फैल जाता है, तो यह गंभीर हो जाता है. निमोनिया लंग्स को इन्वॉल्व कर ले, तो एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) का खतरा बढ़ जाता है. एआरडीएस में मौत का खतरा ज्यादा होता है. इस कंडीशन में लोगों को अचानक ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. कोविड महामारी के दौरान भी कई मामलों में ऐसा हुआ था. वायरल डिजीज एक व्यक्ति को हो जाए, तो दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. इसलिए इससे बचाव करना चाहिए. बच्चों, बुजुर्गों, प्रेग्नेंट महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा होता है. रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के लिए कोई स्पेशल वैक्सीन नहीं है. इम्यूनिटी ही इन बीमारियों से बचा सकती है. हालांकि बचाव के लिए कुछ तरीके अपनाए जा सकते हैं.

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जब पल्मनोलॉजिस्ट से पूछा गया कि क्या चीन का नया वायरस कोविड वैक्सीन को फेल कर सकता है और महामारी फैल सकती है, तो डॉक्टर ने कहा कि अगर कोई वायरस नया है या नया स्ट्रेन है, तो यह महामारी की तरह फैल सकता है. किसी भी नए वायरस या नए स्ट्रेन पर कोविड की वैक्सीन कितनी असरदार होगी, यह कहना बहुत मुश्किल है. ऐसे में अगर चीन में कोई नया खतरनाक वायरस फैला है, तो कुछ समय में यह अन्य देशों में फैल सकता है और महामारी की नौबत आ सकती है. हालांकि अभी तक इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है.

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डॉ. भगवान मंत्री की मानें तो किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए लोगों को कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करना चाहिए. निमोनिया या अन्य सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए स्मोकिंग से दूरी बनाएं और स्मोक एक्सपोजर से बचें. साफ हवा में डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से लंग्स मजबूत होते हैं. ऐसा सभी को करना चाहिए. जिन्हें अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी या अन्य लंग्स की बीमारियां हैं, उन्हें दवाएं व इनहेलर समय पर लेना चाहिए. इसके अलावा कुछ हद तक फ्लू वैक्सीन वायरल संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती है. 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को सितंबर से दिसंबर के बीच साल में एक बार फ्लू वैक्सीन लेनी चाहिए. जिन लोगों को रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम है, वे कम उम्र में भी साल में एक बार फ्लू वैक्सीन जरूर लगवाएं.

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