बीजिंग/ब्यूनस आयर्स2 घंटे पहले
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चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि डिप्लोमैटिक रिलेशन रखे बिना किसी देश से कारोबारी रिश्ते भी नहीं रखे जा सकते। (फाइल)
अर्जेंटीना के इलेक्टेड प्रेसिडेंट जेवियर मिलेई 10 दिसंबर को शपथ लेंगे, लेकिन कैम्पेन के दौरान विदेश नीति को लेकर किए गए वादों पर विवाद शुरू हो गया है।
मिलेई ने साफ कहा था कि अगर वो प्रेसिडेंट बने तो चीन और ब्राजील से रिश्ते खत्म किए जाएंगे। अब वो जीत चुके हैं तो चीन की तरफ से पहला रिएक्शन सामने आया है। चीन के मुताबिक- रिश्ते तोड़ना गंभीर गलती होगी। वर्ल्ड ट्रेड में सबको साथ लेकर चलना होता है।
मिलेई की आने वाली सरकार में विदेश मंत्री पद के दावेदार ने साफ कर दिया है कि उनका देश ब्रिक्स संगठन में शामिल नहीं होगा।
अर्जेंटीना के इलेक्टेड प्रेसिडेंट जेवियर मिलेई 10 दिसंबर को शपथ लेंगे। उन्होंने वादा किया था कि वो ब्राजील और चीन से रिश्ते नहीं रखेंगे।
अर्जेंटीना और चीन के ट्रेड रिलेशन
- सोमवार को मीडिया से बातचीत में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- कोई भी देश बिना डिप्लोमैटिक रिलेशन्स के कारोबार नहीं कर सकता। अर्जेटीना के हम दूसरे सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर हैं। अगर वो चीन और ब्राजील से रिश्ते खत्म करने की बात करते हैं तो ये सही नहीं होगा। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि ब्राजील और चीन बड़ी इकोनॉमीज हैं। लिहाजा, रिश्ते तोड़ना बड़ी गलती होगी।
- दूसरी तरफ, रूस की न्यूज एजेंसी नोवोस्ती से बातचीत में जेवियर की करीबी नेता डायना मोन्डिनो ने अहम बात कही। माना जा रहा है कि 10 दिसंबर को शपथ के बाद डायना ही विदेश मंत्री बनेंगी। मिलेई खुद यह बात कह चुके हैं।
- बहरहाल, डायना ने रशियन न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में साफ कहा- हम चीन की अगुआई वाले ब्रिक्स संगठन में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, हमें इसके लिए न्योता मिला है। इस ग्रुप में भारत और ब्राजील भी शामिल हैं।
जेवियर को जीत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनकी पार्टी को संसद में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है। ऐसे में उन्होंने दूसरी पार्टियों का समर्थन और मदद जरूरी होगा।
मिलेई की जीत और चुनावी वादे
- दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन पिछले हफ्ते हुए थे। इसके नतीजे सामने आ चुके हैं। कट्टर राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी नेता जेवियर मिलेई नए राष्ट्रपति बनेंगे। 53 साल के मिलेई को 58% से ज्यादा वोट मिले। वामपंथी नेता सर्जियो मासा को करीब 44% मत मिले।
- BBC की रिपोर्ट के मुताबिक- जेवियर को उनके आलोचक अकसर ‘पागल आदमी’ कहते हैं। कैम्पेन के दौरान जेवियर ने ब्यूरोक्रेसी और सरकारी खर्च में जबरदस्त कटौती का वादा किया था। वो कल्चर, वुमन, हेल्थ और एजुकेशन मिनिस्ट्री बंद करना चाहते हैं।
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जेवियर को जीत की बधाई दी। कहा- वो अर्जेंटीना को फिर महान बनाएंगे। खास बात यह है कि जेवियर को अकसर लोकल मीडिया ‘अर्जेंटीना का डोनाल्ड ट्रम्प’ कहता है।
- जेवियर वेलफेयर स्कीम्स पर खर्च होने वाले पैसे में बड़ी कटौती चाहते हैं। इसके अलावा कल्चर, वुमन, हेल्थ और एजुकेशन मिनिस्ट्री बंद करना भी उनके चुनावी वादों में शामिल हैं। ब्यूरोक्रेसी में भी वो बहुत बड़ी कमी का वादा कर चुके हैं। उनके हिसाब से देश के विकास के लिए इस फिजूलखर्ची को रोकना जरूरी है।
अर्जेंटीना में इस वक्त महंगाई दर 143% है। देश की 40% आबादी गरीब है। नतीजे आने के बाद जेवियर ने कहा- भरोसा कीजिए। हम नई शुरुआत कर रहे हैं।
अर्जेंटीना में महंगाई दर 143%
- जेवियर के चुनावी वादों की फेहरिस्त यहीं खत्म नहीं होती। इस कट्टरपंथी नेता ने कुछ अजीब काम करने का भरोसा भी वोटर्स को दिलाया था। उनके मुताबिक- अर्जेंटीना में गन लॉ यानी बंदूक रखने के कानूनों को लचीला बनाएंगे। देश में 2020 में गर्भपात कानून को मंजूरी दी गई थी। वो इसे भी खत्म करेंगे और ह्यूमन ऑर्गन्स यानी मानव अंगों की खरीद-फरोख्त को मंजूरी देंगे।
- अब बात अर्जेंटीना के वर्तमान हालात की। महंगाई दर 143% है। देश की 40% आबादी गरीब है। चुनाव के पहले जो सर्वे आए थे, उनमें जीत का अंतर काफी कम होने की बात कही गई थी। हालांकि, ये 11% के करीब है। नतीजे आने के बाद जेवियर ने कहा- भरोसा कीजिए। हम नई शुरुआत कर रहे हैं। एक वक्त यह देश दुनिया में सबसे अमीर था। आज हमारी रैंक 130वीं है। हमें फिर ग्लोबल पॉवर बनना होगा। इसकी तैयारी कर लीजिए।
- जेवियर को जीत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनकी पार्टी को संसद में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है। ऐसे में उन्होंने दूसरी पार्टियों का समर्थन और मदद जरूरी होगा।