पूछताछ में सामने आया कि इनका गिरोह सोशल मीडिया के माध्यम से भोले वाले लोगों को अपनी जालसाजी में फांस कर नोटों को दुगना करने का झांसा देकर अकेले में बुलाते। झांसे में आए व्यक्ति के पैसे लेकर आने पर उन्हें चिल्ड्रन'बैंक के नकली नोट थमा देते। जिनके ऊपर नीचे असली नोट होते थे। इससे पहले की व्यक्ति को समझ पाता थोड़ी देर में उनके दूसरे साथी पुलिसकर्मी बन वहां पहुंच डरा धमका कर असली रकम लेकर वहां से भगा देते।
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