अमित कुमार/समस्तीपुर : मार्केट से जब लोग देहाती मुर्गा-मुर्गी खरीदने जाते हैं, तो वह अक्सर ठगी का शिकार हो जाते हैं. लोग दुकानदार से देसी मुर्गा-मुर्गी मांगते हैं, लेकिन कभी-कभी दुकानदार द्वारा उन्हें चाइनीज मुर्गा मुर्गी दे दिया जाता है. इसका मुख्य कारण यही है कि लोग देहाती यानी देसी और चाइनीज में अंतर ही नहीं समझ पाते हैं. इसी वजह से लोग अक्सर ठगी का शिकार हो जाते हैं. इस खबर को पढ़ने के बाद आप देसी और चीनी मुर्गी में आसानी से फर्क कर सकते हैं, जिसके बाद आपका जायका और समझ दोनों बढ़ जाएगा.
जानिए क्या है दोनों में फर्क
देहाती मुर्गा-मुर्गी का पालन करने वाले समस्तीपुर जिला के शिवरा गांव के सुशील कुमार सिंह बताते हैं कि देहाती मुर्गा-मुर्गी का मांस एवं अंडा खाने से अनेक फायदे हैं. उन्होंने कहा कि देहाती मुर्गा-मुर्गी का वजन ज्यादा से ज्यादा दो किलोग्राम होता है. जबकि चाइनीज मुर्गा-मुर्गी का वजन सात-आठ किलोग्राम से भी ज्यादा हो जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि इसकी पहचान का एक आसान तरीका यह है कि देहाती मुर्गा-मुर्गी का पंख चमकीला ज्यादा होता है. जबकि चाइनीज मुर्गा-मुर्गी का पंख हल्का चमकीला दिखता है.
कीमत में भी है काफी अंतर
वही कीमत की बात करें तो देहाती मुर्गा-मुर्गी 500-600 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक्री होती है. वहीं चाइनीज की बात करें तो मार्केट में मिलने वाली पोल्टी मुर्गा मुर्गा की कीमत के बराबर ही मिलता है. यानी मार्केट रेट की बात करें तो 180 प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल जाता है. बताया जाता है कि चाइनीज मुर्गा मुर्गी का पालन करने में बहुत कम मेहनत है. कम समय में ज्यादा वजन हो जाता है. इसी वजह से अक्सर लोग चाइनीस मुर्गा मुर्गी का पालन करते रहते हैं. जब ग्राहक मार्केट से देहाती मुर्गा मुर्गी का मीट खरीदने जाते हैं तो वह ठगी का शिकार हो जाते हैं. देहाती मुर्गा-मुर्गी का मीट खरीदने जाने से पहले उसकी वजन पर ध्यान दें, साथ ही साथ उसका पंख में ज्यादा चमकीला हो तो वह देहाती यानी देसी मुर्गा ही होगा.
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FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 11:30 IST