बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की 3-डाइमेंशनल ‘एनाग्लिफ़’ तस्वीर जारी की. इस छवि में लाल चैनल के भीतर बाईं छवि और नीले एवं हरे चैनल के भीतर दाहिनी छवि दिखाई देती है, जिसके परिणामस्वरूप एक आकर्षक स्यान (Cyan) रंग दिखाई देता है.
अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘यहां प्रस्तुत एनाग्लिफ़ नेवकैम स्टीरियो इमेज का इस्तेमाल करके बनाया गया है, जिसमें प्रज्ञान रोवर पर से ली गई बाईं और दाईं ओर की छवि शामिल है.’ इसरो ने कहा कि जिस कैमरे से यह तस्वीर ली गई, वह प्रज्ञान रोवर पर था. एनाग्लिफ़ का मतलब वास्तव में स्टीरियो या मल्टी-व्यू इमेजेस से 3-डी में वस्तु या इलाके का एक सरल दृश्य है.
Chandrayaan-3 Mission:
Anaglyph is a simple visualization of the object or terrain in three dimensions from stereo or multi-view images.
The Anaglyph presented here is created using NavCam Stereo Images, which consist of both a left and right image captured onboard the Pragyan… pic.twitter.com/T8ksnvrovA
— ISRO (@isro) September 5, 2023
इसरो ने कहा, ‘इस 3-चैनल इमेज में, बाईं छवि लाल चैनल में स्थित है, जबकि दाहिनी छवि नीले एवं हरे चैनल (स्यान बनाते हुए) में रखी गई है. इन दोनों छवियों के बीच परिप्रेक्ष्य में अंतर के परिणामस्वरूप स्टीरियो इफेक्ट होता है, जो देखेने में 3डी जैसा लगता है. 3डी में देखने के लिए लाल और स्यान चश्मे की सिफारिश की जाती है,’
इसरो ने सोमवार को घोषणा की थी कि चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर भारतीय समयानुसार सुबह करीब आठ बजे सुप्तावस्था में चला गया. इससे पहले चास्ते, रंभा-एलपी और इलसा पेलोड द्वारा नए स्थान पर यथावत प्रयोग किए गए. जो आंकड़े संग्रहित किए गए, उन्हें पृथ्वी पर भेज दिया गया. सभी पेलोड को बंद कर दिया गया और लैंडर के रिसीवर को चालू रखा गया है.
इसरो ने कहा था कि ‘विक्रम’ लैंडर अपने मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और आगे बढ़ गया. इसरो ने कहा कि अभियान की महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रक्रिया से अब भविष्य में ‘सैंपल’ वापसी और चंद्रमा पर मानव अभियान को लेकर आशाएं बढ़ गई हैं. इसरो ने कहा था, ‘सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी से भी ऊर्जा मिलना बंद हो जाने पर विक्रम, प्रज्ञान के पास ही निष्क्रिय अवस्था में चला गया. उनके 22 सितंबर, 2023 के आसपास सक्रिय होने की उम्मीद है.’
भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था. भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है.
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Tags: Chandrayaan-3, ISRO
FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 21:46 IST