नई दिल्ली. राज्यसभा (Rajya Sabha) में बुधवार को उस समय सभी लोग हंस पड़े जब समाजवादी पार्टी के नेता (Samajwadi Party MP) रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav) ने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से अनूठी मांग कर दी. वे ‘भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा चंद्रयान-3’ की सफल सॉफ्ट लैंडिंग विषय पर चर्चा में भाग ले रहे थे. उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों से कहा कि चंद्रमा को खूबसूरती का प्रतीक मानने वालों को चांद की बदसूरत फोटो अच्छी नहीं लगती.
रामगोपाल यादव ने कहा कि उनके मन को यह बात लग जाती है. ऐसी फोटो को अपने पास स्टडी के लिए रखें, लेकिन उन्हें जारी न करें. रामगोपाल यादव के इतना कहते ही पूरा सदन हंस दिया. सभापति जगदीप धनखड़ भी खिलखिला दिए. रामगोपाल यादव ने कहा कि अनंतकाल से लोग चंद्रमा को बहुत खूबसूरत मानते हैं. हमारी वैज्ञानिकों से डिमांड है कि चांद की बदसूरत फोटो मत भेजिए. रिसर्च करते रहिए. उन्होंने हिंदी के प्रसिद्ध कवि केशव के एक दोहे का उल्लेख किया.
हिंदी के कवि केशव का दोहा भी सुनाया
उन्होंने कहा कि ‘केसव केसन अस करि ज्यों अरि हूं न कराय, चंद्रबदन मृगलोचनी बाबा बाबा कहि कहि जाय.’ फिर इसका अर्थ बताते हुए कहा कि कवि केशव कहते हैं कि सफेद बालों के कारण चंद्रमा के समान मुख वाली और हिरन के समान आंखों वाली लड़कियां उन्हें बाबा कहकर संबोधित करने लगी हैं.
चंद्रमा तो सुंदरता का प्रतीक है, बदसूरत फोटो मन को लग जाती है
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि चंद्रमा तो सुंदरता का प्रतीक है और इसलिए महिलाओं के नाम शशि प्रभा, चंद्र प्रभा तो पुरुषों के नाम सुभाष चंद्र, माणिक चंद्र रखे जाते रहे हैं. ऐसे सुंदर चंद्रमा की जब बदसूरत तस्वीर देखने को मिलती है तो लोगों के मन को यह बात लग जाती है.
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FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 00:15 IST