सोनिया मिश्रा/ चमोली: देवभूमि उत्तराखंड में मौजूद चांदपुरगढ़ घने पहाड़ों के बीच बसा एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है. जो अपने भीतर इतिहास के कई सुनहरे दिनों के अवशेषों को छुपाए हुए है. गढ़ गढ़वाल के 52 गढ़ों में अपना बेहद खास स्थान रखता है. चमोली जिले में चांदपुरगढ़ कर्णप्रयाग से लगभग 16 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है. जिसकी दूरी सड़क से करीब 500 मीटर है.
गढ़ के चारों ओर आज भी राजा महाराजाओं के कमरे और उपयोग किए जाने वाले सामानों के भग्नावेश मौजूद हैं साथ ही पूरे गढ़ के बीच में राजाओं की कुलदेवी राजराजेश्वरी का मंदिर स्थित है. जहां देश विदेश से आने वाले इतिहास के प्रति उत्साही लोगों के लिए यह जगह अपना बेहद खास महत्व रखती है. क्योंकि आज भी गढ़ में कई अनसुलझे पहलू मौजूद है. वर्तमान में गढ़ की निगरानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करती है.
इतिहास के शौकीनों के लिए है जगह बेस्ट!
स्थानीय जानकर सुशील सती बताते हैं कि दूधातोली क्षेत्र में यह गढ़ स्थित है जो आज से लगभग 1300 साल पहले यहां 52 गढ़ हुआ करते थे जिनमें से एक सबसे शक्तिशाली गढ़ था चांदपुरगढ़. बताते हैं कि कत्यूरी राजवंश के बाद यह क्षेत्र 52 अलग अलग गढ़ों में बंट गया जिसमें से चांदपुर गढ़ का राजा भानु प्रताप था इसने अपनी बेटी की शादी धार के राजा कनकपाल से कराई तथा पंवार वंश की स्थापना की जिस पंवार वंश में बाद में 60 से ज्यादा राजा हुए और जिन्होंने पूरे गढ़वाल पर राज किया.
पर्यटक क्या कहते हैं पर्यटक
चांदपुर गढ़ घूमने आए पर्यटक शुभम सती बताते हैं कि चांदपुर गढ़ी जिले में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है. जहां का इतिहास सभी को जानना जरूरी है बताते हैं कि गढ़वाल क्षेत्र पर लंबे समय तक पंवार राजाओं ने शासन किया. साथ ही यह गढ़ 52 गढ़ों में से एक है. जो ऊंचाई पर स्थित होने के कारण बेहद खूबसूरत दिखाई देता है. साथ ही गर्मियों में यह स्थान पर्यटकों को अपनी ओर खींचने का काम करता है. और पर्यटक दूर-दूर से यहां पहुंचते है.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 17:46 IST