आकाश गौर/मुरैना : जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर कैलारस जनपद के अंतर्गत भगवान भोलेनाथ का कैलारस पहाड़ पर भव्य मंदिर बना हुआ है. यहां इस मंदिर पर पहुंचने के लिए भक्त सैकड़ों सीढियां चढ़ते है. लोग इस मंदिर को अलोपी शंकर के नाम से जानते है.
बता दें कि इस मंदिर का नाम अलोपी शंकर महादेव इसलिए पड़ा क्योंकि यहां मंदिर की प्रतिमा अपने आप गायब (अलोप) हो गई थी, जिसके बाद यह प्रतिमा अपने आप फिर लौट कर वहीं दोबारा वापस आ गई जिसके कारण इस मंदिर का नाम अलोपी शंकर पढ़ गया. खास बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण प्राचीन समय में यहां एक बड़े व्यापारी लक्खा बंजारे के द्वारा किया गया था. इसके अवशेष आज भी यहां मौजूद हैं.
चमत्कारों से भरी हैं मान्यताएं
पुजारी श्री गिरि ने बताते है कि जब लक्खा बंजारा अपनी शक्कर को बेचने अन्य जगह बैलगाड़ियों के द्वारा लेकर जा रहा था, तभी यहां के पुजारी ने पूछा कि लक्खा क्या लेकर जा रहे. तभी उसने शक्कर को नमक बता दिया और फिर उसका शक्कर नमक में बदल गया. जिसके बाद व्यापारी पुजारी एक चरणों में गिर गया. पुजारी ने कहा भोलेनाथ से माफी मांगो, भोलेनाथ से माफी मांगने के बाद शक्कर नमक से दोबारा शक्कर बन गया.. जिसके बाद उसने यहां मंदिर बनवा दिया.
24 घंटे होती है रामायण
इस मंदिर पर कई वर्षों से लगातार 24 घंटे रामायण का पाठ होता है और पढ़ने वाले अपने समयानुसार आते है और पढ़कर चले जातें हैं. यह मंदिर मुरैना में काफी प्रसिद्ध है.सोमवार के दिन भक्तों का मेला लगता है.
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FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 20:10 IST