चने की भाजी खाने के शौकीन हो जाएं सावधान, कहीं अस्पताल न पहुचं जाएं! जाने सब

अर्पित बड़कुल/दमोह: बुंदेलखंड के दमोह जिले के ग्रामीण इलाकों में ठन्डियो के दिनों में चने की फसल की बोवाई की जाती हैं.15 से 20 दिनों बाद ग्रामीण इलाकों में चने की भाजी की खुटाई शुरू हो जाती हैं.जिसे लोग चावल के आटे की रोटी के साथ बड़े ही चाव से खाना पसंद करते हैं.यदि आप भी भाजी खाने के शौकीन हैं.तो सावधान हो जाए कही आपकी एक गलती स्वास्थ्य के लिए भारी न पड़ जाए.

एक ही परिवार के आधा दर्जन लोगों की बिगड़ी तबियत
प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह जिले के तेजगढ़ थाना के परासई गांव में रहने वाले नारायण सिंह के परिवार के लोग शाम के वक्त चने की भाजी खोटने के लिए खेत गए हुए थे.भाजी में खारापन होने के कारण अक्सर लोग नमक के साथ इसे कच्चा ही चबाकर खा जाते.लापरवाही बरतने से उनकी जान पर बन आती है.कुछ ऐसा ही बीती शाम हुआ जब भाजी खोटकर घर पहुचे लोगों ने इसे पकाया और पूरे घर ने इसे शौक से खाया. लेकिन, रात नहीं कटी और एक एक कर लोगों की तबियत बिगड़ने लगी.

आनन फानन में अस्पताल में कराया गया भर्ती
तबियत बिगड़ने के बाद छोटे छोटे बच्चों सहित परिवार के एक एक कर सदस्यों को उल्टियां,दस्त के साथ चक्कर आना शुरू हो गए.जिसे देखकर हर कोई घबराने लगा. पीड़ित परिवार में तीन महिलाएं,तीन बच्चे और एक बुजुर्ग की तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद कुल 7 लोगों को देर रात दमोह के जिला अस्पताल लाया गया. जहां उनका इलाज जारी है. डॉक्टर्स के मुताबिक भाजी इन्फेक्टेड होने की वजह से लोग बीमार हुए हैं. फिलहाल सभी मरीज खतरे से बाहर हैं.

आप ना दोहराएं ये गलती
फसलों में अक्सर कीटों को मारने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाता है. इसके अलावा मुख्य सड़क मार्ग से लगे हुए खेतों में बोई ही फसलों में धूल, कचरा चिपक जाता है.जिस कारण कई बार भाजी का सेवन करते समय यह पेट में चला जाता है. जिस कारण हम बीमारी का शिकार हो जाते हैं.इसलिए हमें भाजी बनाने से पहले इसे गुनगुने पानी में धोकर ही बनाएं.

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