रांची:
झारखंड के चतरा में बुधवार को नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए दोनों जवानों के परिजनों ने पुलिस के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि अफसरों ने नक्सलियों के क्षेत्र में अफीम की खेती नष्ट करने के लिए लाठीधारी जवानों को भेज दिया। अफसरों की लापरवाही के कारण दो जवान नक्सलियों के हाथों मारे गए।
गौरतलब है कि बुधवार को जिले के वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र के गंभरिया जंगल में अफीम की फसल नष्ट कर लौट रहे पुलिस बल पर नक्सलियों ने घात लगाकर फायरिंग की थी। इसमें बिहार के गया जिला निवासी पुलिस जवान सिकंदर सिंह और पलामू के तरहसी निवासी सुकन राम की जान चली गई।
इनके परिजनों ने गुरुवार को कहा कि सदर थाना प्रभारी शिव प्रकाश कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी सह वशिष्ठ नगर थाना प्रभारी वसीम रजा और अवर निरीक्षक परमानंद मेहरा ने लाठीधारी जवानों को उनके मना करने के बावजूद नक्सल प्रभावित इलाके में भेज दिया। हालांकि, जिले के वरिष्ठ पुलिस अफसरों का कहना है कि नक्सलियों की ओर से गोलीबारी शुरू होते ही सशस्त्र बल ने मोर्चा संभालकर पर्याप्त कवर दिया था।
शहीद जवान सिकंदर सिंह के भाई प्रवीण सिंह ने मांग की है कि डीजीपी को इन तीनों लापरवाह अफसरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
गुरुवार दोपहर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि मामले की पूरी निष्पक्षता से जांच की जाएगी।
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