बुलंदशहर11 मिनट पहले
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बुलंदशहर के सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र में छात्र की चचेरे भाई ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले में कोर्ट ने चचेरे भाई शैलेंद्र को दोषी मानकर आजीवन कारावास और सात हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जुर्माने की रकम न देने पर आरोपी को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रवेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि 17 जनवरी 2013 को गांव सिरौधन निवासी आनंद शर्मा ने कोतवाली सिकंदराबाद में तहरीर देकर बताया कि वह अपने निजी काम से नोएडा गया हुआ था। उसका 16 साल का कक्षा 11 में पढ़ने वाला बेटा विपुल शर्मा स्कूल से आने के बाद गांव के बाहर ट्यूबवेल चलाने के लिए गया था। साझे का टयूबवेल होने के चलते एक चाबी उनके पास, जबकि दूसरी चाबी चाचा शिवकुमार के घर पर रहती थी।
शाम तक पुत्र विपुल के वापस न आने पर उसकी तलाश की गई तो टयूबवेल के कमरे में चारपाई पर उसका सिर में गोली लगा हुआ शव पड़ा मिला। दाहिने हाथ में तमंचा बरामद हुआ। पीड़ित ने बताया कि चाचा शिवकुमार शर्मा और उसके पुत्रों से ट्यूबवेल के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। इसके चलते उनके बेटे की हत्या कर घटना को खुदकुशी दर्शाने का प्रयास किया गया है।
कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर रिश्तेदार शिवकुमार के आरोपी पुत्र शैलेंद्र शर्मा के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश हेमंत कुमार के न्यायालय में हुई। न्यायाधीश ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर आरोपी शैलेंद्र शर्मा को दोषी करार दिया। साथ ही न्यायाधीश ने अभियुक्त शैलेंद्र को आजीवन कारावास के साथ सात हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।