अरविंद शर्मा/भिंड: आपने गुजिया तो बहुत खाई होगी, लेकिन चंबल की इस गुजिया का स्वाद शायद ही चखा हो. इस गुजिया के दीवाने पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर चंबल में डकैत भी थे. आज भी खाने वाले लोग इसका स्वाद लेने बड़ी संख्या में इस दुकान पर आते हैं. दुकानदार मुन्ना भदौरिया ने बताया कि इस दुकान पर गुजिया बनाने का काम पिता जी ने साल 1962 में शुरू किया था.
समय के साथ गुजिया के स्वाद की चर्चा आसपास में फैल गई. यहां पर आने-जाने वाले दूसरे राज्यों के लोग भी इस स्वादिष्ट गुजिया का स्वाद लेने आने लगे हैं. यहां तक कि इस गुजिया का स्वाद चंबल के डकैतों को भी खूब पसंद था. बताया कि चंबल के इस इलाके में 1962 में मानसिंह डकैत का काफी आतंक था. ऐसे में जब भी डकैत मानसिंह का मन होता था, अपने गुप्तचरों से ये गुजिया मंगाया करता था.
शिवराज को भी खूब पसंद
इस बात का पता तब चला, जब मानसिंह की मुठभेड़ पुलिस से हुई. तब हमारी दुकान में बनी गुजिया मौके पर मिली थी. पुलिस ने आकर दुकान पर पूछताछ की थी. इसके अलावा स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस गांव में जब भी चुनाव पर आए तब इस गुजिया का स्वाद जरूर लेते थे.
500 रुपये किलो, यहां मिलेगी गुजिया
शुद्ध दूध से बने खोये की गुजिया सुगंधित इलायची और मेवा से तैयार की जाती है. इस गुजिया का भाव 500 रुपये किलो है. भिंड में अटेर जाते समय रास्ते में परा गांव मिलेगा, यहां रोड पर भदौरिया मिष्ठान भंडार है. जहां पर सुबह दुकान खुलने के साथ ही लोग गुजिया का स्वाद लेने पहुंचते हैं.