चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं भूलकर भी ना करें ये गलती, वरना…

दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान कई खास बातों का ध्यान रखना होगा. हालांकि इसको लेकर कोई साइंटिफिक प्रमाण नहीं है, लेकिन मान्यताओं के अनुसार लोग इन नियमों को मानते हैं. ज्योतिषाचार्य पं अविनाश मिश्रा के अनुसार साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इसका सूतक आज शाम 4 बजे से शुरू हो जाएगा और ग्रहण रात एक बजे से लगेगा. ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे की होगी. ग्रहण रात दो बजे खत्म हो जाएगा.

ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा. सूतक काल लगते ही सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे और भगवान की पूजा अर्चना भी रोक दी जाएगी. ऐसा कहा जाता है कि सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों ही गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करते हैं. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को उनके बच्चे की सेहत के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा.

गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखे ध्यान
ज्योतिषाचार्य के अनुसार गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं जाना चाहिए और कुछ नहीं खाना पीना चाहिए. सूतक काल में खाना खा सकते हैं. घर में चंद्रमा की रोशनी से भी बचना होगा. ग्रहण के बाद स्नान कर घर में गंगा जल छिड़कना चाहिए, मंदिर साफ कर पूजा अर्चना करनी चाहिए. ग्रहण के दौरान सब्जी काटना, चाकू आदि चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि इश समय भगवान का जाप करें या फिर किसी धार्मिक किताब पढ़ें.

सूतक से पहले कर लें भोजन
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं, बीमार लोगों, बच्चों, बूढ़ों के लिए पानी, दवाई, पानी को लेकर कोई नियम नहीं है. सूतक काल से पहले ये लोग खाना भी खा सकते हैं. इस दौरान धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल के दौरान वातावरण में उपस्थित चीजें नकारात्मक असर डालती है. इसीलिए सूतक काल को दूषित काल भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लेकिन ग्रहण के दौरान खाने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल लें.

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