दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम. धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदी में स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं. हालांकि इस साल शरद पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण है. भारत में यह ग्रहण दिखाई देगा और सूतक भी मान्य होगा. सूतक के दौरान धार्मिक कार्य एवं शुभ कार्य करने की मनाही होती है. अनदेखी करने से साधक पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
शरद पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है. इस साल भी आज 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है. सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन पूजा, जप-तप, पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विधान है.
गर्भवती महिलाएं मंत्रों का करें जाप
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के दौरान अपने पास नारियल रखें. ग्रहण समाप्त होने के बाद उस नारियल को अपने आस पास की पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें. चंद्रग्रहण देर तक होने के कारण नारियल को सुबह भी बहा सकती हैं. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर काजल या गौमाता का गोवर लगाकर रखना चाहिए. इससे पेट में पल रहे शिशु पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है. साथ ही शिशु स्वस्थ रहता है. ग्रहण के दौरान भगवान विष्णु या महादेव के निमित्त मंत्र का जाप करें. इसके साथ ही आप भगवान विष्णु और शिव बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं. गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी श्रेष्ठ माना गया है. इन मंत्रों का जाप ग्रहण के दौरान कोई भी व्यक्ति कर सकते हैं.
इन 5 बातों का रखे ध्यान
1. गर्भवती महिलाएं भूलकर भी कैंची, चाकू, सुई या धारदार चीजों का प्रयोग न करें.
2. ग्रहण के समय किसी के प्रति द्वेष की भावना न रखें एवं न किसी का दिल दुखाएं.
3. चंद्र ग्रहण की रात श्मशान एवं नकारात्मक जगहों पर जाने से बचें.
4. चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को हाथ न लगाएं.
5. चंद्र ग्रहण के दौरान किसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल भी न करें.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 11:02 IST