पटना. बिहार में शनिवार की रात जैसे ही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के तबादले की खबर सामने आई, उसी समय से लोग एक-दूसरे से यह सवाल पूछने लगे कि नीतीश कुमार ने अचानक चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग क्यों ले लिया. इसी सवाल को लेकर न्यूज 18 ने नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले मंत्री अशोक चौधरी से बात की. अशोक चौधरी ने इस बातचीत में खुद ऐसा खुलासा कर दिया जिससे कि आने वाले समय में राजनीति और गर्मा सकती है.
दरअसल बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी से जब ये सवाल पूछा गया कि आखिर शिक्षा मंत्री का प्रभार संभाल रहे चंद्रशेखर का विभाग क्यों बदल दिया गया. इस पर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से शिक्षा विभाग में लगातार विवाद हो रहा था. मंत्री और ACS के के पाठक में समन्वय बेहतर नहीं था जिसकी वजह से ये हुआ होगा. सहयोगी दल आरजेडी ने इस मामले में आग्रह किया होगा. लालू जी और तेजस्वी जी इस मामले में नीतीश जी से मिले भी थे और ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वो किस मंत्री को कौन सा विभाग दे.
‘केके पाठक अच्छा काम कर रहे हैं’
अशोक चौधरी कहते हैं शिक्षा पर मुख्यमंत्री बेहद गंभीर है और केके पाठक अच्छा काम कर रहे है इसमें कही दो मत नहीं है. बिहार में शिक्षा विभाग में हो रहे काम की काफ़ी प्रशंसा हो रही है. शिक्षा में बदलाव आ रहा है और बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल पहुंच रहे हैं. ये बच्चे कौन हैं? गरीब, साधारण घर के बच्चे हैं, जिनके लिए शिक्षा विभाग के ACS अच्छा काम कर रहे है. इन बच्चों के लिए नीतीश जी काम कर रहे है. बच्चों और शिक्षा पर इतना खर्च हो रहा है. ऐसे में जब तक विभाग के मंत्री और अधिकारी में बेहतर तालमेल नहीं होगा तब तक सरकार का प्रयास सफल नहीं हो पाएगा इसी लिए ये फ़ैसला लिया गया होगा.
आलोक मेहता सुलझे हुए नेता
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि मंत्री और अधिकारी दोनों में बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री ने भी प्रयास किया, लेकिन नहीं हो पाया. ऐसे में केके पाठक एक अच्छे अधिकारी हैं वो बेहतर काम कर रहे हैं, जिसकी जानकारी जमीनी स्तर पर भी लगातार मिल रही थी. अशोक चौधरी यह भी बताते हैं कि अब जब चंद्रशेखर जी की जगह आलोक मेहता जी को जिम्मेदारी मिली है. यह अच्छा फैसला है क्योंकि आलोक मेहता काफी सुलझे हुए नेता हैं. सांसद भी रह चुके है उनकी पत्नी भी प्रोफेसर हैं. राजनीतिक घराने से आते है सो उनके पास काफी बेहतर अनुभव है जिसका फ़ायदा शिक्षा विभाग को मिलेगा और के के पाठक से भी काफ़ी बेहतर संबंध रहेंगे.
शिक्षा विभाग में बैकवर्ड-फ़ॉरवर्ड, हिंदू-मुस्लिम सही नहीं
मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि इस फैसले से यह भी साफ-साफ मैसेज जाएगा कि तमाम मंत्री और अधिकारी मिलजुल कर बिहार को आगे बढ़ाइए. नीतीश कुमार किसी तरह का विवाद नहीं चाहते है, सिर्फ और सिर्फ विकास के लिए काम हो सके इसी कोशिश में लगे रहते हैं. इस फैसले से दूरगामी परिणाम भी आएंगे. शिक्षा मंत्री को सिर्फ शिक्षा से जुड़े मामले ही देखने चाहिए. अगर शिक्षा विभाग में बैकवर्ड-फ़ारवर्ड और हिंदू-मुस्लिम होगा तो यह तो बेहतर नहीं है न.
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FIRST PUBLISHED : January 21, 2024, 16:27 IST