गुलशन कश्यप/जमुई: शरद पूर्णिमा के दिन, शनिवार की रात, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ग्रहण का समय मध्य रात्रि 1:05 बजे से शुरू होकर, 2:25 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही, शनिवार शाम 4:00 बजे से ही इसका सूतक काल शुरू हो गया है. ज्योतिष शास्त्र के नियमानुसार, ग्रहण काल में वातावरण में थोड़ा दोष हो सकता है, और इसके कुप्रभाव से बचने के लिए लोगों को कुछ महत्वपूर्ण काम करने की सिफारिश की जाती है. इस तरह के काम करने से वातावरण का दोष मिट सकता है और सारी नकारात्मकता भी समाप्त हो सकती है.
ग्रहण समाप्त होने के बाद जरूर करना चाहिए यह काम
ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य के अनुसार, ग्रहण समाप्त होने के बाद, लोगों को पहले स्नान करना चाहिए, क्योंकि इसके साथ ही ग्रहण के दोष को दूर किया जा सकता है, जैसे कि वातावरण को शुद्ध करने से. इसके बाद, घर के सभी सदस्यों को गंगाजल से स्नान करना चाहिए, जिससे पूरे घर का दोष समाप्त हो सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रहण के बाद, आप अनाज या अन्य आवश्यक आपूर्ति वस्तुओं को डान करें, जिसमें अनाज, सब्जी, तेल, और अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं के द्वारा तैयार वस्तुएँ शामिल हो सकती हैं. इस दान से आप ब्राह्मणों को सहायता प्रदान कर सकते हैं या किसी आवश्यकता मंद व्यक्ति को भी इसका लाभ पहुंचा सकते हैं. यह प्रक्रिया आपके और आपके परिवार के लिए ग्रहण के प्रभावों को दूर करने में मदद कर सकती है, और एक सकारात्मक अनुभव प्राप्त करने में मदद कर सकती है.
घर की मूर्तियों के लिए करें यह काम
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रहण का सूतक काल शुरू होते ही सभी मंदिरों को बंद कर दिया जाता है. ऐसे में, लोग अपने घर के पूजा स्थल और वहां लगाई गई मूर्तियों को हाथ भी ना लगाएं. ग्रहण काल समाप्त होने के बाद स्नान करने और गंगाजल के छिड़काव के बाद घर की सभी मूर्तियों को भी गंगाजल से स्नान करना चाहिए. इसके बाद, घर के मंदिर के दरवाजे खोल दें और मंदिर में धूप, अगरबत्ती, और घी का दीपक जलाकर भगवान का पूजन करने लगें. अगर ग्रहण मध्य रात्रि में लग रहा है, तो अगले दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा करें.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 18:24 IST