चंद्रग्रहण के दौरान भूलकर भी ना करें ये गलती, जानें ज्योतिषाचार्य ने क्या कहा

रामकुमार नायक/रायपुर. सनातन धर्म में ग्रहण को बेहद अशुभ माना जाता है, और इसके दौरान सूतक काल होता है. यह सूतक काल ग्रहण के प्रारंभ होने से लेकर ग्रहण के समाप्त होने तक चलता है, और इस दौरान धार्मिक और सामाजिक कार्यों की मनाही होती है. चंद्र ग्रहण के दौरान, लोगों को नियमों का पालन करना चाहिए, क्योंकि यह इसे जीवन में बुरा प्रभाव डाल सकता है. रायपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने चंद्रग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इसको लेकर जानकारी दी है.

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि ग्रहण काल के दौरान यथाशक्ति जप करना चाहिए. ग्रहण काल में किया गया जप सामान्य दिनों और समय की अपेक्षा एक हजार गुना अधिक फलदायी होता है. यदि हम सामान्य समय में एक हजार माला का जप करेंगे और ग्रहण काल में एक माला में जप करेंगे, तो उसका फल दोनों बराबर होता है. इसलिए ग्रहण काल का बहुत महत्व होता है.

ग्रहण काल में क्या रखें सावधानी
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने सूतक काल और ग्रहण काल के दौरान कुछ सावधानियां बताई हैं:
-सूतक काल और ग्रहण काल के दौरान स्थापित विग्रहों का स्पर्श नहीं करना चाहिए.
-घर में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों का स्पर्श नहीं करना चाहिए.
-सूतक काल और ग्रहण काल में मूर्तियों के स्पर्श से बचना चाहिए.
-केवल मानसिक जप करना चाहिए, क्योंकि इसका जीवन में बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है.
(इन सावधानियों का पालन करके आप ग्रहण के समय अशुभ प्रभावों से बच सकते हैं और अपने धार्मिक अभियांत्रण को सुरक्षित रूप से जारी रख सकते हैं)

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