चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर वोटों में धांधली और खरीद-फरोख्त के गंभीर आरोप लगाए है. AAP के आरोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट आज चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Supreme Court On Chandigarh Mayor Election) के बैलेट पेपर्स और मतगणना प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच करेगा. अदालत ने बैलेट पेपर तलब किए हैं. बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने 16 वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शिकस्त दी थी, जिनको 12 वोट मिले थे. जब रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन सहयोगियों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया, तब मामले में विवाद खड़ा हो गया. जिसके बाद बैलेट पेपर में छेड़छाड़ का आरोप लगाया जाने लगा.
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वायरल वीडियो के बाद सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
चुनाव के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बीजेपी के अल्पसंख्यक सेल के सदस्य मसीह को आप पार्षदों के लिए डाले गए बैलेट पेपर्स पर निशान लगाते हुए दिखाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने, 5 फरवरी की सुनवाई के दौरान इस कार्य की निंदा करते हुए इसे “लोकतंत्र का मजाक” करार दिया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कथित “खरीद-फरोख्त” पर गहरी चिंता जताते हुए बैलेट पेपर्स और मतगणना प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच करने का फैसला किया.
अदालत ने तुरंत नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश देने के बजाय पहले डाले गए वोटों के आधार पर नतीजे घोषित करने पर विचार करने का सुझाव दिया. कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी आज नई दिल्ली में रिकॉर्ड पेश करने के लिए तलब किया है.
‘गंभीर मामला’
सुनवाई के दौरान, चंडीगढ़ प्रशासन का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारी की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की बात कही. हालांकि, विचार-विमर्श के बाद, पीठ ने नतीजे की घोषणा से पहले मंच से चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने की ओर रुख किया. अदालत ने बैलेट पेपर्स की गिनती की निगरानी के लिए एक न्यायिक अधिकारी को नामित करने और रिटर्निंग अधिकारी द्वारा किसी भी विरूपण पर ध्यान न देने का सुझाव दिया. इसके बाद अनिल मसीह के वीडियो वाले मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिन पर बैलेट पेपर्स से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था.
“बैलेट पेपर पर क्रॉस का निशान क्यों लगा रहे थे”
बता दें कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार चीफ जस्टिस ने चुनाव के संचालन के तरीके पर नाराजगी जताते हुए रिटर्निंग अधिकारी से जिरह की. कोर्ट ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का गंभीर उल्लंघन बताया और मसीह को उनके कार्यों के लिए कड़ी चेतावनी दी. चीफ जस्टिस ने कहा, “मिस्टर मसीह, मैं आपसे सवाल पूछ रहा हूं. अगर आपने सही जवाब नहीं दिए तो आप पर कार्रवाई की जाएगी. यह गंभीर मामला है. हमने वीडियो देखा है, आप कैमरे की तरफ देखकर क्या कर रहे थे और बैलेट पेपर पर क्रॉस का निशान क्यों लगा रहे थे.”
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हार का सामना करने वाले AAP मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा नए सिरे से चुनाव के लिए अंतरिम राहत देने से इनकार को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं करने के लिए हाई कोर्ट की आलोचना की.
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