घास-फूस, मिट्टी, गोबर से बने घरों में रहेंगे पर्यटक, एमपी के इन गांवों में बन रहे 22 होम स्टे, जानें माजरा

दीपक पाण्डेय/खरगोन. मध्य प्रदेश में घूमने के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. यहां की संस्कृति को जानते हैं. सरकार अब ग्रामीण परिवेश को बढ़ावा दे रही है. ग्रामीण मजदूरों के घरों में पर्यटक रुकेंगे और गांवों की अनुभूति करेंगे. इसके लिए खरगोन में 22 ईको फ्रेंडली होम स्टे बनाए जा रहे हैं.

मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड और खरगोन जिला पर्यटन समिति ने जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने और लोगों को रोजगार देने के लिए ये कदम उठाया है. जिले के ग्राम केरियाखेड़ी और बोथू को चिन्हित किया है. दोनों गांवों में 22 ईको फ्रेंडली होम स्टे बनाए जाएंगे. पूरी तरह वातानुकूल मिट्टी और पत्थरों से बने इन घरों में पर्यटकों को सारी सुविधाएं मिलेंगी.

जिले में यहां बन रहे होम स्टे
जिला पर्यटन समिति के नीरज अमझरे ने बताया कि विभाग ने महेश्वर तहसील के गांव केरियाखेडी और बोथु में कुल 22 खेतिहर मजदूरों को चिन्हित किया है. फिलहाल केरियाखेड़ी में चार और बोथू में 6 ईको फ्रेंडली होम स्टे का निर्माण कार्य चल रहा है. मिट्टी के ये कमरें खेतों के बीच बनाएं जा रहे हैं. संभवतः एक महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे.

शासन से मिली मदद
ईको फ्रेंडली होम स्टे बनाने के लिए शासन से 3 लाख रुपये की मदद दी गई है. इसके अलावा आर्किटेक्ट, डिजाइन, मार्केटिंग और प्रमोशन भी प्रशासन करेगा. योजना के तरह हितग्राहियों को छिंदवाड़ा के सवारवानी में विजिट भी करवाया है. यहां होम स्टे की बारीकियां समझीं. जैसे होम स्टे यहां बने हैं ठीक वैसे ही दोनों गांवों में बनाए जा रहे हैं.

ग्रामीण को मिलेगा रोजगार
केरियाखेड़ी के हितग्राही नरेंद्र रंधावा ने बताया कि कुर्सी हाइट हो चुकी है. एक महीने में कंप्लीट हो जाएगा. इसके अब पर्यटक यहां रुक सकेंगे. रुकने के लिए लगभग एक दिन के 1500 रुपये लगेंगे. खाने में निमाड़ के देसी व्यंजन परोसे जाएंगे. इसका शुल्क अलग रहेगा. यह पूरी आमदनी उन्हीं की होगी.

ग्रामीण परिवेश का ले सकेंगे लुत्फ
बता दें कि मिट्टी, पत्थर, घास-फूस, गोबर एवं लकड़ी से इन घरों का निर्माण होता है. ईट, सीमेंट या सरिया का इस्तेमाल नहीं होता. पर्यावरण प्रेमियों को इस तरह के होम स्टे काफी ज्यादा लुभाते हैं.

देश विदेश से आते हैं पर्यटक
नर्मदा के किनारे बना महेश्वर का ऐतिहासिक किला और माहेश्वर साड़िया दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं. लिहाजा बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं. केरियाखेड़ी और बोथू गांव महेश्वर से काफी नजदीक है. इसलिए यहां ईको फ्रेंडली होम स्टे बनाए जा रहे हैं. ताकि पर्यटक नर्मदा के सुरम्य घाट और प्राकृतिक वातावरण के साथ ग्रामीण परिवेश का अनुभव कर सकें.

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