घर पर नहीं जला पाते अखंड ज्योत, तो इस मंदिर में आकर जला सकते हैं ज्योत, मंदिर के सेवक रखेंगे 24 घंटे ख्याल

कैलाश कुमार/ बोकारो. नवरात्रि अवसर पर लगभग हर एक घरों में अखंड ज्योत जलाई जाती है. लेकिन कई बार घरों में 24 घंटे अखंड ज्योत जलाना कई लोगों के लिए मुमकिन नहीं हो पाता तो कई बार लोग घर से बाहर रहते हैं या फिर 24 घंटे ध्यान नहीं दे पाते.ऐसे में झारखंड के बोकारो शहर के दुदींबाग बाजार स्थित प्राचीन काली मंदिर में श्रद्धालु अखंड ज्योत पूरे 9 दिनों के लिए जलाते हैं.जिसकी देखरेख मंदिर प्रशासन करती है.

मंदिर के पुजारी बद्रीनाथ ने बताया कि यहां 1860 से पूजा अर्चना हो रही है.इस मंदिर में नवरात्र के दौरान श्रद्धालु विशेष तौर पर मनोकामना ज्योत जलाने कि परंपरा है.यहां नवरात्रि के अवसर पर 9 दिन तक मां दुर्गा के विशेष पूजा की जाती है.मान्यताओं के अनुसार नवरात्र के दौरान इस मंदिर में अखंड दीप जला कर मनोकामना मांगने से देवी मां कल्याण करती है और यहां श्रद्धालुओं कि हर मनोकामना पूर्ण होती है.

251 अखंड दीप जलाए जाते हैं
पुजारी बद्रीनाथ ने बताया इस प्राचीन मंदिर में नवरात्र के दौरान 251 अखंड दीप श्रद्धालुओं द्वारा जलाए जाते हैं .जिसके लिए लगभग लिए 270 लीटर घी की खपत होती है और मंदिर प्रशासन द्वारा लगातार दो से तीन बार प्रत्येक दीपक को लगातार घी डालकर और जलाया जाता है.ताकि दीपक नियमित तरीके से लगातार जलते रहे.

पुजारी ने आगे बताया यहां पर श्रद्धालु कुछ पैसे देकर पर्ची काटाते हैं.उसके बाद दीपक जलाते हैं.इस दीपक की पूरी जिम्मेदारी हमारी होती है.किसी भी हाल में दिए को हम बुझने नहीं देते है.इसके लिए 24 घंटे सेवक मौजूद रहते हैं. श्रद्धालु चाहे तो एक दिन, दो दिन या 24 घंटे के लिए भी यहां पर्ची कटा कर अखंड ज्योत जला सकते हैं.

होती है मनोकामना पूरी
मंदिर में दीपक जलाने आई श्रद्धालु मुस्कान ने बताया कि वह प्रत्येक साल नवरात्रि के दौरान अखंड दीपक जलाने के लिए आती है और उनकी कई मनोकामना है जो मां ने पूर्ण किया है. और नवरात्र के दौरान दीपक जलाने से उनके घर में काफी खुशियां आई है.

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