घर पर झटपट ऐसे तैयार करें जैविक दवा, फसलों को बीमारियों से रखेगा दूर

गुलशन कश्यप/जमुई: किसान अपने खेतों में फसल की बेहतर पैदावार के लिए तरह-तरह के कीटनाशक एवं दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं. किसानों की यह कोशिश होती है कि किसी प्रकार फसलों की अधिक से अधिक रक्षा की जाए और, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके. लेकिन, इस चक्कर में किसान अपने खेतों में इतनी मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव कर देते हैं, जिससे उनके उत्पाद में भी रासायनिक एवं उर्वरक की मात्रा बढ़ जाती है. अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो आप घर पर भी कीटनाशक तैयार कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से फसल की सुरक्षा तो की ही जा सकती है, साथ हीं तैयार फसल में किसी प्रकार के उर्वरक का अंश नहीं होता है और यह सेहत के लिए भी काफी लाभदायक होता है.

जानिए कैसे तैयार कर सकते हैं यह दवा
दरअसल, जैविक खेती करने वाले किसान अपने फसल को कीट और बीमारी से बचाने के लिए कई प्रकार की दवाइयां बनाते हैं. जिसमें नीमास्त्र भी शामिल है. दरअसल, नीमास्त्र नीम के पौधों और गोमूत्र इत्यादि से बनता है और इसका इस्तेमाल फसलों पर छिड़काव कर बीमारियों से बचने के लिए किया जाता है. इसको बनाने के लिए 5 किलो नीम की टहनी, 5 किलो नीम का फल, पांच लीटर गोमूत्र और 1 किलो गाय के गोबर की आवश्यकता होती है.

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काफी आसान है इसे बनाने का तरीका
नीमास्त्र को बनाने का तरीका काफी आसान है. सबसे पहले प्लास्टिक के बर्तन में 5 किलो कुटी हुई नीम की पत्तियां लें और फिर इसमें 5 किलो नीम के फल को पीसकर या काटकर डाल दें. इसके बाद इसमें 5 लीटर गोमूत्र और 1 किलो गाय का गोबर डाल दें. इन सभी सामग्री को डंडे से हिलाकर जालीदार कपड़े से ढक दें और 48 घंटे तक छोड़ दें. हर 8 घंटे के बाद इसे एक बार डंडे से हिलाते रहें. 48 घंटे के बाद यह नीमास्त्र तैयार हो जाएगा. इसका प्रयोग 6 महीने तक किया जा सकता है. इसे 100 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे मशीन के द्वारा फसलों पर छिड़काव कर दें, यह काफी कारगर होता है.

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