घर की दहलीज से बाहर आई महिलाओं ने शुरू किया होटल, मुनाफा जान बड़े-बड़ों…

मोहन प्रकाश/सुपौल. घर की दहलीज के भीतर सिमट कर रहने वाली महिलाएं भी अब पुरुषों के साथ ना केवल कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में काम कर रही हैं, बल्कि उन्हें कड़ी टक्कर भी दे रही हैं. बीते करीब तीन साल पहले घर की दहलीज से बाहर आकर जीविका के सहयोग से होटल व्यवसाय शुरू करने वाली महिलाएं अब स्वाबलंबी तो बन ही चुकी हैं, साथ ही होटल कारोबार में ऐसा कमाल किया है कि बड़े-बड़ों को पीछे छोड़ दिया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं उन छह महिलाओं की, जिन्होंने जीविका के सहयोग से कैंटीन शुरू की. अब इस समूह का सालाना शुद्ध मुनाफा 14 लाख से अधिक है.

सुपौल के डीएम कौशल कुमार ने कहा कि सदर प्रखंड की 6 महिलाओं ने महज 20-20 हजार रुपए अंश पूंजी लगा कर क्षितिज जीविका महिला विकास स्वावलंबी सहकारिता समिति लिमिटेड का गठन किया था. इन लोगों ने जीविका के सहयोग से सदर अस्पताल, कलेक्ट्रेट और इंजीनियरिंग कॉलेज में 10 सितम्बर 2021 को कैंटीन की शुरुआत की. वित्तीय साल 2022-2023 में इन महिलाओं ने 14 लाख 25 हजार 212 रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है. उन्होंने बताया कि महिलाओं की अंश पूंजी के अलावा जीविका की ओर से व्यवसाय शुरू करने के लिए 12 लाख रुपए का सहयोग किया गया था.

10 महिलाएं चला रहीं कैंटीन
डीएम ने बताया कि आज इस समूह में कुल 10 महिलाएं रोजगार कर आत्मनिर्भर हो चुकी हैं. उनके इसी लगन को देखते हुए सदर अस्पताल परिसर में विधायक की मदद से 43 लाख रुपए की लागत से नया भवन बना कर दिया गया है. जहां अब कैंटीन का संचालन हो रहा है. इस कैंटीन में सदर अस्पताल के डॉक्टर, कर्मी सहित अन्य स्थानीय लोग भी पौष्टिक और घर जैसा खाना खाते हैं. पहले यह कैंटीन सदर अस्पताल के तीसरी मंजिल पर संचालित होती थी.

यह भी पढ़ें- यह हैं बिहार की 5 लेडी सिंघम, नाम सुनकर कांपते हैं क्रिमिनल, बड़े-बड़े केस कर चुकी हैं सॉल्व

जीविका से जुड़ने के बाद बदल गई जिंदगी
वहीं, समूह की सदस्य सुनीता देवी बताती हैं कि उनके पति पहले दिल्ली में मजदूरी करते थे. लेकिन जीविका के सहयोग से कैंटीन चला कर खुद भी स्वावलंबी बनी और उन्हें ई-रिक्शा खरीद कर दिया. जिससे अब पति-पत्नी दोनों आपसी सहयोग से बेहतर तरीके से परिवार चला रहे हैं. वहीं, रीता देवी ने बताया कि जीविका से जुड़ने से पहले आमदनी के अभाव में जैसे-तैसे परिवार का गुजारा होता था. लेकिन अब समूह के माध्यम से हो रही आमदनी से परिवार का बेहतर तरीके से भरण-पोषण हो रहा है.

Tags: Bihar News, Local18, Supaul News

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *