घंटों का काम मिनटों मे.. किसानों के लिए ड्रोन बना वरदान, सरकार दे रही छूट…

राजकुमार सिंह/वैशाली. कृषि के क्षेत्र में बदलाव का दौर जारी है. तकनीक आधारित खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. इससे ना सिर्फ फसलों का उत्पादन स्तर बढ़ रहा है बल्कि किसानों को मुनाफा भी अधिक हो रहा है. फसलों पर उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव करना किसानों के लिए एक बड़ी समस्या रहती थी. किसानों की यह परेशानी भी अब दूर हो गई है और अब ड्रोन के जरिए कीटनाशक या उर्वरक का छिड़काव किया जा रहा है. वैशाली जिले में अभी ड्रोन का धड़ल्ले से इस्तेमाल होने लगा है. इससे ना सिर्फ किसानों के समय की बचत होती है बल्कि उर्वरक और कीटनाशक की बर्बादी भी कम होती है. वैशाली जिला के लालगंज प्रखंड स्थित रेपुरा गांव में इसका सफल ट्रायल भी किया गया. किसान अजय कुमार के 1 एकड़ खेत में ड्रोन के जरिए यूरिया का छिड़काव किया गया. महज 20 मिनट में हीं 1 एकड़ खेत में ड्रोन से छिड़काव कर दिया गया.

वैशाली जिला के सहायक निदेशक पौधा संरक्षण अजित कुमार शरण ने बताया कि कृषि विभाग की योजना है कि किसान अधिक से अधिक दलहन और गेहूं की फसल पर ड्रोन से छिड़काव करें. फसलों को ड्रोन से छिड़काव के लिए किसानों को पौध संरक्षण विभाग के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. किसानों को रजिस्ट्रेशन नंबर, जमीन का रकबा रैयत और गैर रैयत की जानकारी अपलोड करना होता है. इसके साथ यह घोषणा पत्र भी अपलोड करना होता है. किसानों के द्वारा आवेदन करने के बाद कोऑर्डिनेटर के लॉगिन पर आता है. उसके बाद अधिकारी कागज की जांच पूरी कर पौध संरक्षण निर्देशक के आईडी पर भेज देते हैं. जब विभाग पूरी तरह से संतुष्ट हो जाता है तब राज्य स्तर पर चयनित ड्रोन संचालक को पता और नंबर उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने बताया कि टीम बिहार के प्रत्येक जिले में एक्टिव है.

सरकार देती है अनुदान
सहायक निदेशक पौधा संरक्षण अजित कुमार शरण ने लोकल 18 को बताया कि किसानों की मदद के लिए पूरी टीम हर वक्त एक्टिव रहती है. उन्होंने बताया कि जानकारी हासिल करने के बाद ड्रोन सेवा प्रदाता और किसान मिलकर एक समय तय कर लेते हैं. उसके बाद खेत में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव किया जाता है. उन्होंने बताया कि 1 एकड़ में छिड़काव के लिए 480 रुपए लागत आती है. जिसमें 240 रुपए किसानों को देना पड़ते हैं और 240 रुपए सरकारी तंत्र से खर्च होते हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से 240 रुपए की सब्सिडी दी जाती है. किसान ड्रोन के माध्यम से अगर छिड़काव करते हैं तो उनको समय की बचत होती है और कम समय में ज्यादा काम भी हो जाता है.

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