तेहरान15 घंटे पहले
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ईरानी सिंगर शर्विन हाजीपुर 26 साल के हैं। प्रदर्शन के सपोर्ट में लिखे गए उनके गाने को दो दिन में 4 करोड़ व्यूज मिले थे।
ईरान में ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले एक सिंगर को 3 साल की सजा सुनाई गई है। सिंगर शर्विन हाजीपुर ने सितंबर 2022 में पुलिस कस्टडी में मारी गई महसा अमिनी और हिजाब विरोधी प्रदर्शन के समर्थन में गाना लिखा था। इस वजह से उस पर प्रदर्शन भड़काने और सरकार के खिलाफ प्रचार करने के आरोप लगाए गए थे।
अरब न्यूज के मुताबिक, सिंगर शर्विन हाजीपुर पर 2 साल का ट्रैवल बैन भी लगाया गया है। उसे अमेरिकी हिंसा को लेकर गाना लिखने के लिए भी कहा गया है। शर्विन को 2023 में गाने के जरिए सामाजिक बदलाव लाने वाली स्पेशल कैटेगरी में ग्रैमी अवॉर्ड मिला था। यह अवॉर्ड उन्हें अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने दिया था।
शर्विन ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट के जरिए सजा की जानकारी दी।
इंसानियत का धर्म शर्मिंदा करना और धमकाना नहीं
शर्विन ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट के जरिए सजा की जानकारी दी। लिखा- मैं न्याय करने वाले जज का नाम नहीं लूंगा, क्योंकि इससे उनको धमकाया और शर्मिंदा किया जा सकता है। इंसानियत का धर्म शर्मिंदा करना और धमकाना नहीं है। एक दिन हम एक-दूसरे को समझेंगे।
लोगों के ट्वीट से गाने के बोल बनाए
शर्विन हाजीपुर ने 28 सितंबर 2022 को महसा अमिनी और हिजाब विरोधी प्रदर्शन के खिलाफ ‘बराए’ नाम का गाना सोशल मीडिया पर शेयर किया था। अंग्रेजी में ‘बराए’ का मतलब होता है ‘फॉर’ (किसी के लिए)। गाना पब्लिश होने के अगले दिन ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। गाने के लिरिक्स के जरिए शर्विन ने बताया कि ईरान की जनता क्यों सरकार के खिलाफ है। उन्होंने लोगों के ट्वीट से गाने के बोल बनाए। इसमें महिलाओं, बच्चों, गरीबी, भ्रष्टाचार का जिक्र किया गया। गाने को दो दिन में 4 करोड़ लोगों ने देखा था।
तस्वीर 2023 में हुई ग्रैमी अवॉर्ड सेरेमनी की है। स्टेज पर जिल बाइडेन खड़ी हैं। स्क्रीन पर शर्विन दिख रहे हैं।
अमेरिकी संगठन ने सजा की निंदा की
अमेरिकी ह्यूमन राइट आर्गनाइजेशन ‘पैन अमेरिका’ ने सिंगर को दी गई सजा की निंदा की है। इस आर्गनाइजेशन के प्रोजेक्ट- पैन आर्टिस्ट एट रिस्क कनेक्शन की डायरेक्टर जूली त्रिबॉल्ट ने कहा- शर्विन हाजीपुर को सजा मिलना निराशाजनक कदम है। आजादी के लिए उठ रही आवाजों को दबाया जा रहा है।
उन्होंने कहा- ईरान की सरकार संगीत की ताकत से डरती है। सरकार को लगता है कि संगीत नागरिकों को उम्मीद देगा और गलत के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा।
अमिनी की पुलिस हिरासत में माैत के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन हुए थे।(फाइल)
22 साल की महसा अमिनी की मौत के बाद लोगों में गुस्सा
ईरान सरकार ने महिलाओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर रखा है। कोड को फॉलो करवाने के लिए मोरलिटी पुलिस भी बनाई है। ड्रेस कोड फॉलो नहीं करने वाली महिलाओं को ये पुलिस गिरफ्तार करती है। 22 साल की महसा अमिनी उन लड़कियों में एक थी, जो ईरान सरकार के इस महिला विरोधी नियमों के खिलाफ थी।
महसा अक्सर इन नियमों के विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट करती थीं। सितंबर 2022 में वो अपने परिवार के साथ तेहरान गईं थीं, जहां मोरलिटी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 17 सितंबर को पुलिस कस्टडी में उनकी मौत हो गई थी। बताया गया कि टॉर्चर की वजह से उनकी मौत हुई। इसके बाद ईरान की महिलाएं सड़कों पर उतर आईं।
पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़पें हुईं। पुलिस के जुल्म के चलते 500 प्रदर्शकारियों की मौत भी हुई। सरकार ने 20 हजार से ज्यादा लोगों को जेल में डाल दिया। इनमें 9,000 महिलाएं थीं।
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