ग्रामीण इलाकों में आई हेल्थकेयर के लिए अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल का दूरदर्शी…

दुनिया भर में, आंकड़े चौंकाने वाले हैं: ऐसा अनुमान है कि दुनिया के हर 3 नेत्रहीन व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति भारत में है। खास तौर पर, बिहार और उत्तर प्रदेश के राज्यों में दृष्टि दोष के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। बिहार में एक गंभीर संकट सबके सामने है। बिहार के लगभग 1.9 करोड़ लोगों को चश्मे की आवश्यकता है, परन्तु वे इसका इस्तमाल नहीं करते हैं। इसके अलावा, लगभग 48 लाख लोग दृष्टिबाधित हैं, और 28 लाख लोगों को तुरंत आँखों की सर्जरी की आवश्यकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि जितने लोगों को आँखों के उपचार की तुरंत आवश्यकता है, उसमें हर साल लगभग 3 लाख और नए लोग जुड़ रहे हैं। इसके अलावा, बिहार में सर्जिकल क्षमता की भारी कमी है। लोगों की जरूरतों के अनुसार 40% सालाना सर्जिकल क्षमता की कमी है। बिहार में डॉक्टर और रोगी का अनुपात, दूसरे विकसित राज्यों की तुलना में 1:10 है।

ऐसी गंभीर परिस्थिति में अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल एक आशा की किरण के रूप में उभर कर सामने आया है, जो ग्रामीण भारत में दृष्टि दोष को खत्म करने और आँखों की देखभाल के परिदृश्य को बदलने के लिए समर्पित है। उनकी दूरदर्शी पहल मुख्य रूप से समाज के वंचित तबके की आँखों की देखभाल की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

2 नवंबर, 2023 के शुभ अवसर पर, अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल ने अपने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सी.ओ.ई.) का अनावरण किया। ये सेंटर बिहार के सारण जिले में श्रीरमेशपुरम, मस्तिचक में स्थित 500 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी आँख अस्पताल है। ग्रामीण भारत में अपनी तरह का यह पहला अस्पताल है जो इस क्षेत्र में लोगों के आँखों की जुड़ी समस्याओं का निवारण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल के संस्थापक, प्रोजेक्ट हेड और एग्जिक्यूटिव ट्रस्टी, मृत्युंजय कुमार तिवारी के दूरदर्शी नेतृत्व में, इस संगठन ने उन लोगों के लिए सुलभ, उच्च गुणवत्ता वाली आँखों की देखभाल करने वाली योजना की शुरुआत की है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। अस्पताल का उद्घाटन स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, खासतौर पर उन क्षेत्रो में जहाँ ये सुविधाएँ बहुत कम या न के बराबर हैं। इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आँखों से जुड़ी सभी आवश्यक नेत्र उपचार तथा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सेवाएँ लोगों को मिलेंगी जो क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में मददगार साबित होंगी।

नए अस्पताल में खासतौर पे निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त होंगी ।

  • 500 बेड: आँखों की व्यापक देखभाल के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से लैस 500 बेड वाला विश्व स्तरीय नेत्र अस्पताल
  • स्पेशलिटी नेत्र जाँच: मोतियाबिंद, काला मोतियाबिंद, आँख के पर्दे से जुड़ी बीमारियाँ, भेंगापन, कॉर्निया के रोग, ऑक्यूलोप्लास्टी और ऑन्कोलॉजी, विजन रिहैबिलिटेशन, चश्मा वितरण तथा अन्य सभी आँख से सम्बंधित रोगों की जाँच एवं उपचार
  • पीडियाट्रिक आई केयर सेंटर: बच्चों के आँखों की जाँच एवं उपचार से जुड़ी इस क्षेत्र की एकमात्र एडवांस्ड पीडियाट्रिक आई केयर सेंटर।
  • 10 OPD क्लीनिक: प्रतिदिन 800 रोगियों की जाँच करने की क्षमता।
  • 11 ऑपरेशन थिएटर: प्रतिदिन 500 सर्जरी करने में सक्षम विश्व स्तरीय एवं एडवांस्ड ओ.टी.
  • फ्री सर्जरी: गरीबों एवं वंचितों के लिए निःशुल्क नेत्र सर्जरी
  • आई बैंकिंग सुविधा: कॉर्निया प्रत्यारोपण और आई ट्रांसप्लांट की सुविधा।
  • नेत्र विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान कार्यक्रम: एक ऐसा स्थान जहाँ आँखों से जुड़ी एडवांस लेवल की रिसर्च होगी।
  • विशाल परिसर: 2,07,000 वर्ग फुट निर्मित क्षेत्र के साथ 10 एकड़ में फैला हुआ विशाल अस्पताल परिसर

बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य में पहले से ही चल रहे अपने सर्जिकल विजन सेंटर के अलावा, अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल का लक्ष्य अगले 7 वर्षो में 15 लाख मुफ्त आई सर्जरी करना है। वर्तमान में, हॉस्पिटल के माध्यम से 90,000 से अधिक सर्जरी की जाती हैं, जिनमें से 80,000 सर्जरी वंचित रोगियों के लिए नि:शुल्क सुविधा के रूप में की जाती है। सालाना 500,000 से अधिक रोगियों की जाँच की जाती हैं। अगले 2-3 वर्षो में इस काम को 4 गुना बढ़ाने की योजना है। इस प्रयास का प्रभाव उल्लेखनीय है।

हालांकि, अखण्ड ज्योति की प्रतिबद्धता चिकित्सा सेवाओं से आगे है। उनका ‘फुटबॉल टू आईबॉल’ कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य ग्रामीण अंचल की लड़कियों को शिक्षित करना, सशक्त बनाना एवं रोजगार देना है, काफी तेजी से बढ़ रहा है। यह एक पूर्णकालिक कार्यक्रम है जो ग्रामीण लड़कियों को उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए फुटबॉल खेलने का प्रशिक्षण देता है और उन्हें पेशेवर रूप से योग्य ऑप्टोमेट्रिस्ट बनने के लिए शिक्षित करता है। इस साल, ट्रस्ट के माध्यम से 200 नई लड़कियों को शामिल किया जा रहा है और 2030 के अंत तक ये संख्या बढ़ाकर 1,500 करने की योजना है। यह परिवर्तनकारी पहल शिक्षा और सशक्तिकरण के महत्व को पहचानते हुए, आँखों की देखभाल के लिए अखण्ड ज्योति के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाती है।

इस अत्याधुनिक आई केयर हॉस्पिटल का उद्घाटन न केवल बिहार में बल्कि पूरे ग्रामीण भारत में अंधेपन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। उद्घाटन समारोह में, माननीय राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर, डॉ. चिन्मय पांड्या, गायत्री परिवार के कार्यवाहक प्रमुख एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय, उत्तराखंड के प्रो-वाइस चांसलर जैसे सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। इस उल्लेखनीय यात्रा की शुरुआत में अखण्ड ज्योति के सहयोगी संगठन के प्रतिनिधि, मीडिया के सदस्य और स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।

अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल का उद्देश्य गरीब ग्रामीण आबादी को आँखों से जुड़ी समस्याओं का समाधान देना, क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाना है। आँखों की देखभाल और शिक्षा के माध्यम से जीवन को बदलने के अपने मिशन में, अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल इस बात का एक दमदार उदाहरण है कि जब करुणा, समर्पण और दृष्टि स्थायी परिवर्तन लाने के लिए मिलकर काम करते हैं तो क्या संभव है।

Tags: Bihar News, Health News

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