ग्रह के प्रभाव से नहीं कट रहा कर्ज! कोयले से कर लें ये उपाय, जानें आसान उपाय

अभिनव कुमार/दरभंगा:- इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाला हर शख्स किसी ना किसी के कर्ज के बोझ तले दबा रहता है. कर्ज भी कई प्रकार के हो सकते हैं, जिसका ज्योतिष शास्त्र में भी वर्णन है. इसमें धन का कर्ज भी शामिल हो सकता है. धन की कमी के चलते लोग कर्ज ले लेते हैं और समय पर चुकता नहीं करने की वजह से इसके बोझ तले दब जाते हैं. बाद में इससे उबरना मुश्किल हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह मंगल ग्रह के कारण होता है. इसको उतावला ग्रह भी कहा जाता है. इसपर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा से लोकल 18 ने बात की, तो उन्होंने बताया कि ऋण चार प्रकार के होते हैं, जिसमें देव ऋण, मातृ ऋण, पितृ ऋण और गुरु ऋण शामिल है. देव ऋण से लोग पूजा-पाठ और तपस्या करके मुक्त हो जाते हैं.

मंगल ग्रह को कर्ज में डूबने का माना जाता है कारक
ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा ने Local 18 को बताया कि जब जातक के द्वारा संतान की उत्पत्ति हो जाती है, तब वह पितृ ऋण से भी मुक्त हो जाता है. मातृ ऋण से आज तक ना प्रभु श्री राम मुक्त हुए हैं और ना श्री कृष्ण हो पाए हैं, जो खुद विष्णु के अवतार थे. वहीं जो गुरु ऋण होता है, उसमें गुरु के द्वारा लिए गए शिक्षा को यदि आप समाज के किसी भी छात्र और व्यक्ति के बीच बांटते हैं, तो आप इस ऋण से भी मुक्त हो जाते हैं. वहीं भौतिक जगत में धन के अभाव में लोग कर्ज में डूब जाते हैं. भौतिक सुख-सम्पदा के लिए लोग कई प्रकार के ऋण ले लेते हैं. इसमें मुख्य भूमिका मंगल ग्रह का होता है, क्योंकि मंगल ग्रह उतावला होता है और उतावलेपन के कारण मस्तिष्क में सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए जातक कई प्रकार के ऋण ले लेते हैं.

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ऋणविमोचन मंत्र की मदद से पा सकते हैं कर्ज से मुक्ति
ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा बताते हैं कि इसको लेकर व्यास जी का लिखा हुआ एक श्लोक भी है, जिसे ऋण विमोचन मंत्र के नाम से जाना जाता है. यह मंत्र 12 श्लोक का है. इस श्लोक का पाठ किसी भी मंगलवार से प्रारंभ कर लगातार 21 दिन तक 12 आवृत्ति नित्य पाठ करने से कर्ज के बोझ से मुक्ति पा सकते हैं. उन्होंने बताया कि खाना बनाने वाले कोयले से एक आवृत्ति का पाठ कर लेने के बाद एक खड़ी रेखा खींचकर रखना होता है. ठीक इसी तरह 12 आवृत्ति कर 12 खड़ी रेखा खींचनी होती है. पाठ संपन्न होने के बाद उन सभी रेखाओं को अपने बाएं पांव की एडी से मिटा देना है. ऐसा करने से 21 दिनों के बाद जातक ऋण से मुक्त होने लगता है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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