तनुज पाण्डे/ नैनीताल. उत्तराखंड का छोटा सा शहर नैनीताल जितना अपनी खूबसूरती और प्राकृतिक सुंदरता का धनी है, उतना ही यहां का समृद्ध इतिहास भी है. अंग्रेजों की समर कैपिटल होने के चलते आज भी नैनीताल में ब्रिटिशकाल के कई सुंदर भवन और आर्किटेक्चर देखे जा सकते हैं. ऐसी ही एक हेरिटेज बिल्डिंग नैनीताल का आयुक्त कार्यालय है, जिसका इतिहास भी इसकी बनावटी शैली की तरह बेहद खूबसूरत और समृद्ध है. नैनीताल के तल्लीताल कचहरी के पास स्थित कुमाऊं मंडल आयुक्त कार्यालय की बिल्डिंग बेहद सुंदर गौथिक शैली की बनावट के साथ ही साथ ब्रिटिश समय का इतिहास समेटे हुए है.
नैनीताल निवासी इतिहासकार प्रोफेसर अजय रावत ने इस भवन के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि साल 1815 में सिंघौली की संधि के बाद उत्तराखंड में अंग्रेजों का आगमन हुआ था. तब उत्तराखंड को दो भागों ब्रिटिश गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल स्टेट में बांट दिया गया था और ब्रिटिश गढ़वाल को कुमाऊं में समाहित कर दिया गया था. साल 1856 में कुमाऊं कमिश्नर हेनरी रैमजे द्वारा नैनीताल में कुमाऊं मंडल के आयुक्त कार्यालय को स्थापित किया गया.
ब्रिटिश कुमाऊं के कमिश्नर बैटन ने खरीदी बिल्डिंग
प्रोफेसर रावत बताते हैं कि ब्रिटिश कुमाऊं के कमिश्नर जेएन बैटन बेहद दूरदर्शी थे. उन्होंने अल्मोड़ा में स्थित कुमाऊं आयुक्त कार्यालय को नैनीताल शिफ्ट करने की योजना पहले ही बना ली थी क्योंकि अल्मोड़ा काठगोदाम और चंपावत रेल मार्ग से काफी दूर था. इस वजह से यहां आने-जाने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन साल 1855 में ही बैटन अपनी सेवा से रिटायर हो गए थे. दूरदर्शी होने के कारण उन्होंने नैनीताल के तल्लीताल में स्थित वर्तमान आयुक्त कार्यालय की बिल्डिंग को खरीद लिया था, जो उस जमाने में ‘ओल्ड ग्रोव’ के नाम से जानी जाती थी.
कार्यालय बदलने में नहीं आई समस्या
कुमाऊं के पहले कमिश्नर सर हेनरी रैमजे ने साल 1856 में कुमाऊं मंडल के आयुक्त कार्यालय को अल्मोड़ा से नैनीताल हस्तानांतरित किया था. चूंकि ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर बैटन ने पूर्व में ही आयुक्त कार्यालय के लिए बिल्डिंग खरीदी थी, इस वजह से नैनीताल हस्तानांतरण के बाद आयुक्त कार्यालय के दफ्तर को लेकर कोई भी दिक्कत नहीं आई और वर्तमान आयुक्त कार्यालय में कुमाऊं कमिश्नर का दफ्तर बनाया गया.
गौथिक शैली में बनी है बिल्डिंग
कुमाऊं आयुक्त कार्यालय की बिल्डिंग नगर की हेरिटेज बिल्डिंग में से एक है. इसका निर्माण गौथिक शैली में किया गया है. बेहद ही सुंदर इस परिसर के चारों तरफ हरियाली है. इस परिसर में बेहद सुंदर फूलों को भी लगाया गया है. वर्तमान में कुमाऊं के कमिश्नर IAS दीपक रावत यहां बैठते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2023, 12:47 IST