गौतम गंभीर के बाद जयंत सिन्हा ने चुनावी राजनीति को कहा बाय-बाय, बोले- देश-दुनिया में जलवायु परिवर्तन पर करना है फोकस

भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने पार्टी से उन्हें चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने के लिए कहा है, यह संकेत देते हुए कि वह आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सक्रिय भूमिका या टिकट नहीं चाहते हैं। सिन्हा की घोषणा पार्टी के एक अन्य नेता गौतम गंभीर द्वारा चुनावी राजनीति से बाहर निकलने के संकेत देने के कुछ ही घंटों बाद आई। दोनों सांसदों ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से उन्हें कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया है ताकि वे अपनी अन्य प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

जयंत सिन्हा ने एक्स पोस्ट में लिखा कि मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे अपने प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। बेशक, मैं आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा। यह घोषणाएं उन खबरों के बीच आई हैं कि दोनों नेताओं को आगामी 2024 चुनावों के लिए टिकट नहीं मिल सकता है।

उन्होंने आगे लिखा कि मुझे पिछले दस वर्षों से भारत और हज़ारीबाग़ के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला है। इसके अलावा, मुझे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी, माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी और भाजपा नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए कई अवसरों का आशीर्वाद मिला है। उन सभी के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता। जय हिन्द!

जयंत सिन्हा पूर्व में भारत सरकार में वित्त राज्य मंत्री और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहे है। सिन्हा वर्तमान में वित्त पर स्थायी समिति के अध्यक्ष और 2019-20 के लिए लोक लेखा समिति के सदस्य हैं। वह एक निवेश कोष प्रबंधक और प्रबंधन सलाहकार भी रहे हैं। वह राष्ट्रों को एकजुट करने के लिए भारत के अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन के सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं। मई 2014 में, वह झारखंड के हज़ारीबाग़ से भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए लोकसभा के लिए चुने गए। 2019 के आम चुनावों में, सिन्हा रिकॉर्ड बहुमत के साथ उसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से संसद सदस्य चुने गए।



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