Adani Group Loan Refinance: दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी ग्रुप लगता है कुछ बड़ा करने का प्लान कर रहा है. अडानी सीमेंट ने हाल ही में 10 बैंकों से 3.5 बिलियन डॉलर (350 करोड़ डॉलर) के लोन को रीफाइनेंसिंग कराया है. इसका लोन का मैच्योरिटी टाइम तीन साल रखा गया है. ग्रुप की तरफ से कहा गया कि यह रीफाइनेंसिंग अडानी ग्रुप में अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के बढ़ते विश्वास के कारण संभव हुई है. लेकिन सवाल यह है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी आने के बाद अब यह रीफाइनेंसिंग क्यों करायी गई है. क्या अडानी ग्रुप का कोई नया प्लान है और इससे क्या फायदा होगा?
क्यों कराया री-फाइनेंस
दरअसल, अडानी सीमेंट ने पिछले साल सितंबर में 6.6 बिलियन डॉलर में एसीसी और अंबुजा सीमेंट का अधिग्रहण किया था. इस अधिग्रहण को पूरा करने के लिए ग्रुप ने लोन लिया था. अब इसमें से 3.5 बिलियन डॉलर के लोन को रीफाइनेंस कराया गया है. लोन को रीफाइनेंस कराने से अडानी सीमेंट वर्टिकल की लागत में करीब 300 मिलियन डॉलर की बचत होने की बात कही जा रही है. 350 करोड़ डॉलर के इस री-फाइनेंसिंग प्रोसेस को 10 इंटरनेशनल बैंकों के जरिये पूरा किया जा रहा है.
क्यों होती है लोन री-फाइनेंस की सुविधा
कोई भी बड़ा ग्रुप किस्तों का बोझ कम करने और करोड़ों डॉलर की बचत करने के लिए लोन रीफाइनेंसिंग की सुविधा लेते हैं. इसमें कम ब्याज दर वाली शर्तों के तहत नया लोन लिया जाता है और पुराने लोन को बंद कर दिया जाता है. इसके बाद कम ब्याज दर वाले नए लोन का री-पेमेंट शुरू हो जाता है. नया लोन आप दूसरे बैंक या उसी बैंक से भी ले सकते हैं. रीफाइनेंसिंग में जब आप नया लोन लेते हैं तो लोन के टेन्योर को अपने हिसाब से कम या ज्यादा कर सकते हैं. ब्याज दर कम होने से ईएमआई और ब्याज दोनों का बोझ कम होता है.
इस खबर के बाद अडानी ग्रुप के अंबुजा और एसीसी सीमेंट के शेयर में गिरावट देखी जा रही है. शुक्रवार को कारोबारी सत्र के अंत में एसीसी का शेयर 68.55 रुपये टूटकर 1962.35 रुपये पर बंद हुआ. वहीं, अंबुजा का शेयर 6.45 रुपये की गिरावट के साथ 430.85 रुपये पर पहुंच गया. इस शेयर का 52 हफ्ते का हाई लेवल 598.15 और लो लेवल 315.30 रुपये है.