प्रदीप धनखड़/बहादुरगढ़: बीते साल कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद झज्जर के गांव छारा के दीपक पूनिया इस बार कुश्ती में अपने प्रतिद्वंदी से पिछड़ कर गोल्ड जीतने से एक कदम पीछे रह गए. दीपक पूनिया को इस बार रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. एक तरफ जहां बेटे को गोल्ड मेडल ना जीतने पर मन में हल्की निराशा है, वहीं परिवार को सिल्वर मेडल जीतने की पूरी खुशी भी है. साथ ही बेटे पर विश्वास भी है कि उनका बेटा ओलंपिक में अपना बदला लेकर देश के लिए हर हाल में गोल्ड मेडल जीतेगा.
ओलंपिक में लेगा अपना बदला
दीपक पूनिया के पिता सुभाष पूनिया ने बेटे के रजत पदक जीतने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस बार बेशक मेरा लाडला गोल्ड लाने से चूक गया, हो लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि जिस पहलवान से मेरा बेटे ने एशियन गेम्स में मात खाई है, उसी पहलवान को हराकर वो ओलम्पिक में अपना बदला लेगा और देश के लिए गोल्ड जीतेगा.
कुश्ती हर खेल की जननी
इस मौके पर दीपक पूनिया के गुरु विरेन्द्र कोच ने भी दीपक के रजत पदक जीतने पर खुशी जताई और कहा कि देश के हर युवा को अपने जीवन में कुश्ती को अपनाना चाहिए. कुश्ती हर खेल की जननी है. देश का हर खेल कुश्ती से ही निकल कर अलग हुआ है. युवाओं को संदेश देते हुए विरेन्द्र कोच ने कहा कि जिस देश के पहलवान तगड़े होंगे, उस देश का न सिर्फ भविष्य तगड़ा होगा बल्कि सुरक्षित भी होगा.
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FIRST PUBLISHED : October 8, 2023, 24:15 IST