आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. पश्चिम चम्पारण जिले का बगहा-2 प्रखंड गोभी की खेती के लिए प्रसिद्ध है. यहां के कुछ गांवों को गोभी उत्पादन का हब माना जाता है. क्योंकि पूरे जिले में गोभी की सबसे अधिक खेती और पैदावार इसी प्रखंड में होती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि बगहा-2 में उत्पादित गोभी की सप्लाई पूरे जिले सहित गोरखपुर, खड्डा, सिसवा बाजार तक की जाती है. यहां के किसानों की मानें तो, सब्जी में गोभी की खेती सबसे अधिक फायदेमंद होती है. यह एक ऐसी खेती है जिसमें महज 90 दिनों में लागत से कम से कम 4 गुना ज्यादा इनकम होना ही है.
एक एकड़ में लागत से 4 गुना ज्यादा इनकम
जिले के बगहा-2 प्रखंड का जमुना तड़वलिया पंचायत गोभी की खेती का हब कहा जाता है. यहां के हर एक गांव के लगभग सभी किसान गोभी की खेती करते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि उन्हें इसकी बिक्री के लिए पर्याप्त बाजार की सुविधा मिल जाती है और लागत की तुलना में इनकम भी कम से कम 4 गुना होता है.
तड़वलिया गांव निवासी और मुख्य रूप से गोभी की खेती करने वाले किसान संतोष कुमार कुशवाहा बताते हैं कि वे पिछले 20 वर्षों से गोभी की खेती कर रहे हैं. इस बार भी लगभग 4 एकड़ में इसकी खेती कर रहे हैं. वे बताते हैं कि गोभी की खेती पर प्रतिएकड़ 15 हजार तक का खर्च आता है. रोपनी के करीब 90 से 95 दिनों में पैदावार पूरी हो जाती है, जिसे आज के भाव से बेचने पर 60 से 65 हजार का इनकम होता है.
चम्पारण सहित उत्तरप्रदेश के कई जिलों में सप्लाई
उसी गांव के किसान अमित कुमार ने बताया कि वे 3 एकड़ में गोभी की खेती करते हैं. इससे उन्हें हर सीजन में दो से ढाई सौ क्विंटल तक गोभी की पैदावार हो जाती है. ऐसे में आप अनुमान लगा लें कि सिर्फ तड़वलिया गांव में करीब 600 घर हैं, जहां के करीब 150 घरों के किसान सिर्फ गोभी की खेती करते हैं. इनमें सबसे कम एक एकड़ और सबसे अधिक 5 एकड़ में सिर्फ गोभी की खेती की जाती है. इसकी सप्लाई जिले के अधिकांश प्रखंडों सहित क्षेत्रीय मंडी और यूपी के गोरखपुर, सिसवा बाजार और खड्डा तक की जाती है. बकौल अमित,यदि आप रोपनी के समय उन्नत किस्म के बीज का इस्तेमाल करते हैं, तो पैदावार भी अच्छी होती है. तड़वलियां गांव के सभी किसान गोभी बीज की खरीदारी फैजाबाद से करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 4, 2024, 18:07 IST